बच्चों में नजर आने वाले ये लक्षण हो सकते हैं एनीमिया के संकेत।

बच्चों में नजर आने वाले ये लक्षण हो सकते हैं एनीमिया के संकेत।

These symptoms seen in children can be signs of anemia.

एनीमिया एक समस्या है जिसमें शरीर में रक्त की कमी हो जाती है। चलिए देखते हैं कि बच्चों में एनीमिया होने पर कौन-कौन से लक्षण होते हैं।

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  • 22, Feb, 2024
Jyoti Ahlawat
Jyoti Ahlawat
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These symptoms seen in children can be signs of anaemia.

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एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं। लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार होती हैं। जब पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं, तो ऊतकों और अंगों को वह ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है जिसकी उन्हें आवश्यकता होती है। इससे थकान, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।

एनीमिया के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • आयरन की कमी एनीमिया: यह सबसे आम प्रकार का एनीमिया है और यह तब होता है जब शरीर में पर्याप्त आयरन नहीं होता है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आवश्यक है, एक प्रोटीन जो ऑक्सीजन को वहन करता है।
  • पर्निशियस एनीमिया: यह प्रकार का एनीमिया तब होता है जब शरीर विटामिन बी 12 को अवशोषित नहीं कर पाता है। विटामिन बी 12 लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है।
  • सिकल सेल एनीमिया: यह एक आनुवंशिक प्रकार का एनीमिया है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य आकार की होती हैं। ये असामान्य लाल रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर सकती हैं, जिससे दर्द और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • एप्लास्टिक एनीमिया: यह एक दुर्लभ प्रकार का एनीमिया है जो तब होता है जब अस्थि मज्जा पर्याप्त रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं करता है।

बच्चों में एनीमिया के लक्षण:

शारीरिक लक्षण:

  • थकान और कमजोरी: बच्चे जल्दी थक जाते हैं, खेलने में कम रुचि दिखाते हैं और सामान्य से अधिक सुस्ती महसूस करते हैं।
  • त्वचा का पीलापन: चेहरे, होंठ, आंखों के नीचे और नाखूनों में पीलापन दिख सकता है।
  • सांस फूलना: थोड़ी-बहुत गतिविधि करने पर भी सांस फूलने लगती है।
  • दिल की धड़कन तेज होना: सामान्य गतिविधियों के दौरान भी दिल तेजी से धड़कने लगता है।
  • सिरदर्द: बार-बार सिरदर्द हो सकता है।
  • भूख कम लगना: बच्चे को भूख कम लगती है और खाने में रुचि कम हो जाती है।
  • वजन कम होना: बच्चे का वजन कम हो सकता है।
  • बढ़ने में देरी: बच्चे की वृद्धि धीमी हो सकती है।
  • ठंड लगना: बच्चे को अक्सर ठंड लगती है।

मानसिक लक्षण:

  • चिड़चिड़ापन: बच्चा चिड़चिड़ा और क्रोधित हो सकता है।
  • एकाग्रता में कमी: बच्चे का ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है।
  • सीखने में कठिनाई: बच्चे को सीखने में परेशानी हो सकती है।
  • अवसाद: बच्चा उदास और निराश महसूस कर सकता है।

अन्य लक्षण:

  • बार-बार बीमार होना: बच्चे बार-बार संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।
  • बालों का झड़ना: बाल पतले और कमजोर हो सकते हैं और झड़ने लग सकते हैं।
  • नाखूनों में बदलाव: नाखून भंगुर और कमजोर हो सकते हैं।
  • मांसपेशियों में ऐंठन: मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन हो सकती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सभी लक्षण एनीमिया के कारण नहीं होते हैं, लेकिन यदि आप अपने बच्चे में इनमें से किसी भी लक्षण को देखते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

एनीमिया के कई प्रकार होते हैं और प्रत्येक प्रकार के अपने लक्षण हो सकते हैं।

डॉक्टर रक्त परीक्षण के माध्यम से एनीमिया का निदान कर सकते हैं।

एनीमिया का उपचार आमतौर पर आहार में बदलाव, आयरन सप्लीमेंट या अन्य दवाओं द्वारा किया जाता है।

एनीमिया से बचाव के लिए, बच्चों को संतुलित आहार खिलाना महत्वपूर्ण है जिसमें आयरन, फोलेट और विटामिन B12 से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हों।

यहां कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो बच्चों को एनीमिया से बचाने में मदद कर सकते हैं:

  • हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी, सरसों का साग
  • फल: अमरूद, खजूर, अंजीर
  • मांस: मछली, चिकन, लीवर
  • अंडे
  • दाल: मसूर, राजमा, छोले
  • नट्स और बीज: बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज
  • आयरन फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ: अनाज, ब्रेड, दूध

यदि आपको एनीमिया के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर को देखना महत्वपूर्ण है। एनीमिया का निदान रक्त परीक्षण द्वारा किया जा सकता है। एनीमिया के प्रकार के आधार पर, उपचार में आहार परिवर्तन, दवाएं या रक्त आधान शामिल हो सकते हैं।

एनीमिया को रोकने के लिए आप कई चीजें कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • स्वस्थ आहार खाना: एक स्वस्थ आहार में आयरन, विटामिन बी 12 और फोलेट जैसे पोषक तत्व शामिल होने चाहिए जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक हैं।
  • नियमित रूप से व्यायाम करना: व्यायाम अस्थि मज्जा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, जो रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है।
  • पर्याप्त नींद लेना: नींद अस्थि मज्जा को रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में मदद करती है।
  • संक्रमण से बचना: संक्रमण एनीमिया का कारण बन सकता है, इसलिए अपने हाथों को नियमित रूप से धोना और टीकाकरण करवाना महत्वपूर्ण है।
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