After all, why is litchi called the pride of Bihar?
बिहार में शाही और चीनी लीची की दो विविध प्रकारों की उत्कृष्ट पैदावार होती है, इसलिए इसे 'बिहार का गौरव' या 'प्राइड ऑफ बिहार' कहा जाता है।
देश में लीची की सर्वोत्तम गुणवत्ता के लिए बिहार जाना जाता है। बता दें कि भारत की शीर्ष गुणवत्ता वाली लीची, अर्थात शाही लीची, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में ही मिलती है। शाही लीची को लीची की सर्वोत्तम गुणवत्ता का दर्जा दिया गया है।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में उत्पन्न शाही लीची की प्रशंसा उसके स्वाद और रंग के लिए दुनिया भर में होती है। शाही लीची अन्य लीची की तुलना में अधिक महंगी होती है और इसके स्वाद और बनावट के कारण ज्यादातर लोग इसे पसंद करते हैं। इसके स्वाद, बनावट, सुगंध और रंग के कारण इसे लीची की सर्वोत्तम गुणवत्ता में शामिल किया गया है, और इसलिए इसे GI टैग भी प्राप्त है। ये तो लीची की बात है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह लीची सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं है, बल्कि बिहार का गर्व भी है? लीची को 'बिहार का गर्व' या 'प्राइड ऑफ बिहार' भी कहा जाता है। इसलिए चलिए जानते हैं कि इसमें क्या खासीयत है।
बिहार के अलावा झारखंड, उत्तराखंड, और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में भी लीची की खेती होती है, लेकिन जो स्वाद बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की शाही लीची का है, वह किसी और लीची में नहीं है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची अपने स्वाद और सुगंध के लिए विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यह तो शाही लीची की बात है, लेकिन आपको बता दें कि बिहार में शाही लीची के अलावा चीनी लीची भी बहुत प्रसिद्ध है। इसका स्वाद, रंग, और बनावट शाही लीची से अलग होता है।
बिहार में शाही और चीनी लीची दोनों ही उत्तम पैदावार होती हैं, इसलिए इसे 'बिहार का गर्व' या 'प्राइड ऑफ बिहार' कहा जाता है। आखिर क्यों लीची को कहा जाता है प्राइड ऑफ बिहार, यह इसलिए कि इसकी पैदावार बिहार से होती है और उसका मूल स्थान मुजफ्फरपुर एवं आसपास के क्षेत्र और जिला है।