Increase in heart attacks during festivals: Causes and precautions
त्योहारों में बढ़ते दिल के दौरे की घटनाओं में वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं। पहले तो, त्योहारों के दिनों में लोग अक्सर अपने आपको आजादी में महसूस करते हैं और खानपान, मित्रता, और आत्मविश्वास के मूड में आते हैं। इसके अलावा, अधिकांश त्योहार विशेष खाद्य आदि के साथ आते हैं जो अधिक मात्रा में तलने या खाने की आदतें बदल सकती हैं, जिससे हृदय स्वास्थ्य पर असर हो सकता है।
त्योहारों का मौसम खुशियों, रौनक और उत्साह का प्रतीक है. लेकिन दुर्भाग्य से, इसी समय दिल के दौरे के मामलों में भी चिंताजनक वृद्धि देखी जाती है. आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर और जनवरी के महीनों में दिल के दौरे का खतरा लगभग 20-30% तक बढ़ जाता है. आइए, इस परेशानी के पीछे छिपे कारणों को समझें और इनसे बचने के उपायों पर चर्चा करें.
अस्वस्थ भोजन: त्योहारों के व्यंजनों में अक्सर घी, मक्खन, क्रीम, मांस और तेल का भरपूर इस्तेमाल होता है. साथ ही मिठाइयों का अत्यधिक सेवन भी आम है. यह सब मिलकर आपके कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा सकता है, धमनियों में वसा जमा कर सकता है और रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ा सकता है, जिससे हृदय तक रक्त पहुंचने में बाधा और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है.
शराब का अधिक सेवन: उत्साह में अक्सर शराब का सेवन बढ़ जाता है. मगर यह आपके रक्तचाप और हृदय गति को बढ़ाकर हृदय पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है. साथ ही, यह रक्त शर्करा को बढ़ाने और अनियमित धड़कन पैदा करने में भी सहायक होता है, जिससे दिल के दौरे का खतरा और बढ़ जाता है.
तनाव और चिंता: दावतों का आयोजन, मेहमानों की आवभगत, गिफ्ट खरीदने का दबाव, यात्रा की थकान, काम की छुट्टियां खत्म होने का तनाव - ये सभी कारक छुट्टियों के मौसम में मानसिक तनाव और चिंता को बढ़ाते हैं. तनाव हार्मोन शरीर में रक्तचाप और हृदय गति को बढ़ाते हैं, जिससे धमनियों में ऐंठन आ सकती है और रक्त प्रवाह में रुकावट हो सकती है, जो दिल के दौरे का कारण बन सकता है.
नींद की कमी: त्योहारों के जश्न में देर रात तक जागने और सुबह जल्दी उठने का सिलसिला चलता रहता है. इससे अनियमित नींद की समस्या होती है, जिससे थकान, तनाव और मोटापे का खतरा बढ़ता है. ये सभी कारक मिलकर हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं और दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा देते हैं.
नियमित दिनचर्या में बदलाव: छुट्टियों के दौरान व्यायाम करने, समय पर दवाइयां खाने और संतुलित आहार लेने की दिनचर्या में अक्सर व्यवधान आता है. इससे हृदय स्वास्थ्य बिगड़ सकता है और दौरे का खतरा बढ़ सकता है.
ठंड का मौसम: मौसम परिवर्तन का भी हृदय पर असर पड़ता है. सर्दियों में ठंड के कारण शरीर का रक्तचाप और हृदय गति बढ़ती है, जिससे धमनियों पर दबाव पड़ता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है.
अन्य जोखिम कारक: आनुवांशिकता, मधुमेह, धूम्रपान, मोटापा और हाईपरटेंशन जैसे कारक भी त्योहारों के दौरान दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा देते हैं.