Why is Holika Dahan done? What is its interesting story?
होलिका दहन को हर साल देखते समय यह ख्याल आता है कि आखिर क्यों हर साल होलिका दहन किया जाता है और यह प्रथा सदियों से क्यों चली आ रही है।
हिंदू पंचांग के अनुसार होलिका दहन हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन किया जाता है। होलिका दहन के अगले दिन रंगों की होली मनाई जाती है। होली में रंग खेलने के साथ होलिका की अग्नि में सभी नकारात्मक शक्तियों का दहन किया होता है। आइए जानें होलिका दहन की रोचक कथा और इसे मनाने के कारणों के बारे में।
होलिका दहन, रंगों के त्योहार होली से पहले मनाया जाता है, और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह पौराणिक कथा से जुड़ा है जिसमें भक्त प्रह्लाद, भगवान विष्णु के प्रति अपनी अटूट भक्ति के कारण, अपनी दुष्ट चाची होलिका की आग में जलने से बच जाते हैं।
होलिका दहन की कथा:
होलिका दहन का महत्व:
होलिका दहन की विधि:
होलिका दहन मनाने के कारण:
होलिका दहन, बुराई पर अच्छाई की जीत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह हमें सिखाता है कि हमें सदा सत्य और धर्म का पालन करना चाहिए और भगवान पर अटूट भक्ति रखनी चाहिए।
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