America's debt increased six times in 24 years.
अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पिछले 24 सालों में इसका कर्ज छह गुना बढ़ चुका है। वास्तविकता यह है कि अब उसे रोजाना करीब दो अरब डॉलर ब्याज के रूप में भुगतान करना पड़ रहा है।
दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश अमेरिका का कर्ज पिछले 24 साल में छह गुना बढ़ गया है। 2000 में, अमेरिका का कर्ज 5.7 ट्रिलियन डॉलर था जो अब 34.2 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया है। 2010 में, यह 12.3 ट्रिलियन डॉलर और 2020 में 23.2 ट्रिलियन डॉलर था।
यूएस कांग्रेस के बजट दस्तावेजों के मुताबिक, अगले दशक तक देश का कर्ज 54 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है। तीन महीने में ही इसमें एक ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा हो चुका है, और यह देश की जीडीपी का करीब 125% है। पिछले तीन साल में ही देश का कर्ज 10 ट्रिलियन डॉलर से अधिक बढ़ चुका है। स्थिति यह हो गई है कि अमेरिका को रोज 1.8 अरब डॉलर ब्याज के भुगतान में खर्च करने पड़ रहे हैं। साफ है कि सरकार की कमाई कम हो रही है और खर्च बढ़ गया है। जानकारों की मानें तो यह इकॉनमी और नेशनल सिक्योरिटी के लिए अच्छी बात नहीं है।
माना जा रहा है कि अगले कुछ साल में अमेरिका का डेट-टु-जीडीपी रेश्यो 200 परसेंट तक पहुंच सकता है। मतलब देश का कर्ज इकॉनमी से दोगुना पहुंच जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो कर्ज चुकाते-चुकाते ही अमेरिका का दम निकल जाएगा। इससे सरकार को रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा पर होने वाले कुल खर्च से ज्यादा पैसा ब्याज चुकाने में देना होगा। चिंता यह है कि अमेरिका का कर्ज ऐसे वक्त में बढ़ रहा है जब देश की इकॉनमी अच्छी स्थिति में है और बेरोजगारी कम है।