Rules related to insurance policy will change from October 1, these benefits will be available.
बीमा पॉलिसी सरेंडर से संबंधित नए दिशानिर्देश मंगलवार से लागू किए जाएंगे, जिससे संभावित रूप से एजेंटों के लिए प्रीमियम में वृद्धि या कम कमीशन हो सकता है।
इंश्योरेंस पॉलिसी सरेंडर से जुड़ी नई गाइडलाइंस मंगलवार से लागू होने जा रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इससे बीमा प्रीमियम में वृद्धि हो सकती है या बीमा एजेंटों के कमीशन में कटौती हो सकती है। इस साल की शुरुआत में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने जीवन बीमा पॉलिसियों से जल्दी बाहर निकलने वाले पॉलिसीधारकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए 'सरेंडर वैल्यू' से संबंधित संशोधित दिशानिर्देश जारी किए थे।
'सरेंडर वैल्यू' का अर्थ
बीमा में 'सरेंडर वैल्यू' का मतलब उस राशि से है जो पॉलिसी की मैच्योरिटी डेट से पहले पॉलिसी लौटाने पर बीमा कंपनी द्वारा पॉलिसीधारक को दी जाती है। यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी के दौरान उसे लौटाने का निर्णय लेता है, तो उसे आय और बचत का हिस्सा दिया जाएगा। रेगुलेटर ने बीमा कंपनियों को सरेंडर के समय लौटाई जाने वाली राशि निर्धारित करते समय पॉलिसी से बाहर निकलने वाले और जारी रखने वाले पॉलिसीधारकों दोनों के लिए 'औचित्य और मूल्यपरकता' सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
बदलाव क्या होंगे
एक प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनी के सीनियर अधिकारी ने बताया कि रिवाइज्ड सरेंडर चार्ज की भरपाई के लिए जीवन बीमा कंपनियां या तो प्रीमियम बढ़ाएंगी या अपने एजेंटों के कमीशन में कटौती करेंगी। केयरएज रेटिंग्स के निदेशक गौरव दीक्षित ने कहा कि बीमा उत्पादों और कमीशन स्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में प्रीमियम में उतार-चढ़ाव हो सकता है। अधिकांश बीमा कंपनियों ने इन नए प्रावधानों को लागू करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव की तैयारी कर ली है। इनमें से अधिकांश कंपनियों के पास जीवन बीमा दिग्गज एलआईसी की तुलना में सीमित संख्या में पॉलिसियां हैं। वहीं, एलआईसी को नियामक के निर्देशों का पालन करने के लिए अपनी नीतियों में बड़े बदलाव करने की आवश्यकता है।