Ban on Single use plastic from today.
भारत में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर लगा बैन।
केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन कर दिया है। सिंगल यूज प्लास्टिक, यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिन्हें केवल एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है, इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है। देश में प्रदूषण फैलाने में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है। केंद्र सरकार के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था। सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें न तो डी-कंपोज होती हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जुर्माना, जेल की अवधि या दोनों शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। प्रतिबंधित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग की जांच के लिए विशेष प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी प्रतिबंधित एसयूपी वस्तु की अंतरराज्यीय आवाजाही को रोकने के लिए सीमा चौकियां स्थापित करने का भी आदेश दिया गया है।
प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत देश में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक की 19 वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं।