Transporters' strike: A business worth 1800 crores comes to a halt, roadways incur a loss of 15 crores, long queues at petrol pumps.
हिट एंड रन कानून के खिलाफ विरोध के चलते ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल जारी, प्रदेश में लगभग 18 सौ करोड़ रुपये का व्यापार ठप।
मंगलवार को, हिट एंड रन कानून के खिलाफ विरोध के चलते ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल जारी रखी। इससे दवाइयों, सब्जियों, डीजल-पेट्रोल सहित जनपयोगी वस्तुओं की सप्लाई में बाधा हुई। प्रदेश में लगभग 18 सौ करोड़ रुपये का व्यापार ठप हो गया है। शाम तक, प्रदेश के एक चौथाई पेट्रोल पंप खाली हो गए हैं। लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है और ऊहापोह की स्थितियां पैदा हो गईं।
उसी दिन, दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव के साथ ट्रांसपोर्टरों की रात तक बैठक चली। बैठक में सरकार और ट्रांसपोर्टरों में सुलह हो गई है। रोडवेज का दावा है कि बसों का संचालन सोमवार की तुलना में मंगलवार को बेहतर रहा है। शाम पांच बजे तक 45 प्रतिशत बसों का संचालन हुआ है। रोडवेज की अनुबंधित समेत कुल 6958 बसों में से 3,812 का संचालन हुआ है। लखनऊ में 520 बसों में से 172 बसें रूट पर रवाना हुईं। हड़ताल के इस दौरान, रोडवेज को प्रदेश भर में 15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि लखनऊ में नुकसान लगभग दो करोड़ रुपये के आसपास है।
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल मंगलवार को चरम पर रही। ट्रकों को कतारों में खड़ा कर आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को ठप कर दिया गया, जिससे लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर से दवाइयां व अन्य वस्तुओं की सप्लाई में बाधित रही। चालक खुद ही सजा बढ़ाए जाने के प्रावधान से इतना घबराए हुए हैं कि वह वाहन संचालित करने ही नहीं आ रहे हैं। ज़रा संरचित सुरक्षा की व्यवस्था करने वाले अमौसी तेल डिपो में सुरक्षा उपायों को तेजी से लागू किया गया है और टैंकर्स को भी सुरक्षित रखा जा रहा है।