one of the seven wonders of the world, Machu Picchu : A Mysterious City
जानिए दुनिया के सात अजूबों में से एक माचू पिच्चू के बारे में, इसका इतिहास, रहस्य और इससे जुड़ी खास बातें | Know the history, secrets and special facts related to one of the seven wonders of the world, Machu Picchu.
इस दुनिया में ऐसी बहुत सी रहस्यमयी जगहें हैं, जो लोगों को हैरान करती हैं। एक ऐसा ही अजूबा शहर जो समुद्र तल से 2430 मीटर यानी करीब 8,000 फीट की उंचाई पर उरुबाम्बा घाटी के ऊपर एक पहाड़ पर स्थित है। ये शहर दुनिया के सात अजूबों में से एक है, जो कई सालों से वीरान पड़ा हुआ है। इस जगह से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं, जिनका जवाब किसी के पास नहीं है। इस कारण इस जगह को 'रहस्यमयी शहर' भी कहा जाता है।
माचू पिच्चू, दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में स्थित, इंका सभ्यता से संबंधित एक ऐतिहासिक स्थल है। यह शहर इंका साम्राज्य के सबसे खास प्रतीकों में से एक है। माचू पिच्चू को 'इंकाओं का खोया शहर' भी कहते हैं। इसे पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय भी कहा जाता है, इसलिए इसे एक पवित्र स्थान माना जाता है।
साल 1983 में माचू पिच्चू को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया है। 7 जुलाई 2007 को इसे दुनिया के सात अजूबों में से एक घोषित किया था। स्थानीय लोग माचू पिच्चू के बारे में बहुत पहले से जानते थे, लेकिन इसे दुनिया के सामने लाने का श्रेय अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम को दिया जाता है। उन्होंने साल 1911 में दुनिया के इस अजूबे की खोज की थी, जिसके बाद से यह दुनियाभर के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण बना हुआ है। बड़ी संख्या में लोग माचू पिच्चू को देखने के लिए आते हैं और इसके इतिहास और रहस्यों को समझने की कोशिश करते हैं। चलिए जानते हैं दुनिया के सात अजूबों में से एक माचू पिच्चू के बारे में, इसका इतिहास, रहस्य और इससे जुड़ी खास बातें।
1430 ई. के दौरान इंकाओं ने अपने शासकों के आधिकारिक स्थल के रूप में माचू पिच्चू का निर्माण किया था, लेकिन करीब सौ साल बाद स्पेनियों ने इंकाओं पर जीत हासिल करके इसे बिना लूटे ही छोड़ दिया था। माचू पिच्चू एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने के साथ ही एक पवित्र स्थान भी है। इस स्थल का एक सांस्कृतिक स्थल के रूप में भी खास महत्व है। माचू पिच्चू का निर्माण इंकाओ की पुरातन शैली में हुआ है। इसमें पोलिश किये गए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। यहाँ पर शूरू में इंतीहुआताना (सूर्य का मंदिर) और तीन खिड़कियों वाला कक्ष है।
माचू पिच्चू के रहस्य को जितना खोजा गया ये उतना ही गहरा होता गया है। आज तक कोई पूर्ण दावा नहीं दे पाया कि माचू पिच्चू का निर्माण क्यों और किसके द्वारा करवाया गया था। सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस जगह को जितनी जल्दी बनाया गया था उससे भी जल्दी इसको खाली कर दिया गया था। यहाँ आने वाले पर्यटक माचू पिच्चू की कहानी और रहस्य के बारे में जानने में काफी दिलचस्पी रखते हैं।
माचू पिच्चू एक बहुत ही खास और अद्द्भुत संरचना है जिसका संबंध एलियंस से भी बताया जाता है। कई वैज्ञानिकों का कहना है कि इतना शानदार आर्किटेक्चर इंसान के द्वारा नहीं बनाया जा सकता। लेकिन पेरू के रहने वालों का कहना है कि उनके पूर्वज बेहतरीन कला को जानते थे उन्होंने ही इस जगह का निर्माण किया है।
माचू पिच्चू समुद्र के स्तर से 8,000 फीट उंचाई पर है जहाँ जाना बेहद यादगार और रोमांचक साबित हो सकता है। माचू पिच्चू की खूबसूरती देखने लायक है व यह अमेरिका का एक प्रमुख ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल है। माचू पिच्चू की यात्रा पर्यटकों को एक खास अनुभव देती है। यहां हेलीकाप्टर से जाना बहुत ही रोमांचकारी है।
माचू पिच्चू को साल 1983 में विश्व धरोहर और 2007 में दुनिया के नए सात अजूबों में एक चुना गया था। माचू पिच्चू एक आकर्षक जगह है जो दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। इसके साथ ही यह दक्षिण अमेरिका का एक मशहूर खंडहर है जो हर साल लाखों करोड़ों लोगों को पर्यटन के लिए स्वागत करता है। पर्यटन में विकास, पास के शहरों का विकास और पर्यावरणीय गिरावट के चलते यहां आने वाले पर्यटकों से शुल्क लिया जाता है। यह जगह विभिन्न तरह की लुप्त प्रजातियों का घर भी है। पेरू सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में खंडहरों की रक्षा के लिए कई सख्त कदम भी उठाए हैं।
माचू पिच्चू की खोज करने वाले हीरम बिंघम का कहना था कि यह स्थान इंका सभ्यता से जुड़ा आखिरी स्थान है और साथ ही ‘विल्काबंबा ला विईजा’ का गुम हो चुका शहर यानि की ‘लॉस्ट सिटी’ है। लेकिन हीरम की इस खोज को अन्य पुरातत्व वैज्ञानिकों ने अपने-अपने तर्क और खोज से नकार दिया।
सभी अवधारणाओं को नकारते हुए मॉडर्न वैज्ञानिकों का यह कहना है कि माचू पिच्चू का निर्माण दूसरे ग्रह से आए प्राणियों ने किया है। माचू पिच्चू के ग्रांड आर्किटेक्चर का निर्माण एलियन्स ने अपने अनुसार किया है। पेरू वासियों ने इस थ्योरी को भी नकार दिया है क्योंकि उनका कहना है कि उनके पूर्वज इससे भी बेहतरीन आर्किटेक्चर की कला जानते थे।
इंका सभ्यता के बारे में बताया जाता है कि यहां के लोग सूर्य देव को अपना भगवान् मानते थे और यहां मिले महिलाओं के कंकाल के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इंका के यहां के लोग 'इंका' सूर्य देव को अपना भगवान मानते थे और भगवान सूर्य को खुश करने के लिए कुंवारी (वर्जिन) स्त्रियों की बलि देते थे। यह स्थान उन अविवाहित औरतों के लिए था जो अपने प्राण भगवान सूर्य को समर्पित कर देती थीं। उनके शवों को यहीं दफना दिया जाता था। इस स्थान पर मिले कंकालों में लगभग सभी कंकाल महिलाओं के थे जिसे आधार बनाकर माचू पिच्चू को 'वर्जिन ऑफ द सन' का नाम दिया गया। परंतु बाद में कुछ कंकाल पुरुषों के भी पाए गए जिसके बाद इस थ्योरी को भी नकारा गया।
पंद्रहवीं शताब्दी में इंका सम्राट पचाकुटी की सेवा में जितने भी कर्मचारी लगे थे उन्हें माचू पिच्चू में ही दफनाया गया था। इस थ्योरी के अनुसार माचू पिच्चू में शाही मेहमानों के मनोरंजन का पूरा इंतजाम किया जाता था और इस स्थान को सम्राट शाही कोर्ट के तौर पर प्रयोग करता था।
माचू पिच्चू को इंसानी बलि के लिए प्रयोग किया जाता था और बहुत हद तक संभव है कि शवों को सही तरीके से दफनाया भी नहीं जाता था। खोजकर्ताओं को यहां कई कंकाल ऐसे भी मिले हैं जिन्हें दफनाया नहीं गया था।
इंका सभ्यता रहस्यों से भरी हुई है इसके बारे में कोई भी स्पष्ट रूप से नहीं बता पाया है। माचू पिच्चू का मलतब होता है पुरानी चोटी, जिसका संबंध इंका सभ्यता से बताया जाता है। माचू पिच्चू को लेकर अनेक थ्योरी सामने आई थी जो कुछ इस प्रकार है,
यूं तो आज से करीब 100 साल पहले ही इसे खोज लिया गया था लेकिन आज इतने वर्षों बाद भी इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है कि माचू पिच्चू शहर का निर्माण क्यों और किसके लिए कराया गया था। कोई कहता है यहां भगवान सूर्य को ‘वर्जिन’ औरतों की बलि दी जाती थी तो कोई कहता कि यह स्थान दूसरे ग्रह से पृथ्वी पर आए लोगों ने निर्मित किया है। कुछ का कहना है कि यह उन राजकर्मचारियों की कब्रगाह है जिन्हें सेवा समाप्त होने के बाद मार दिया जाता था। इंका सभ्यता की हकीकत आज तक कोई नहीं समझ पाया। पुरातत्व वैज्ञानिक ना ही इसकी खोज कर पाए हैं और इंका सभ्यता में लिखाई का प्रबंध ना होने के कारण कोई लिखित दस्तावेज भी प्राप्त नहीं हो पाए हैं जिस कारण इस रहस्य को कभी सुलझाया नहीं जा सका है कि इंका सभ्यता से संबंधित ऐतिहासिक स्थल माचू पिच्चू का निर्माण क्यों किया गया और क्यों इस स्थान को इतनी जल्दी खाली कर दिया गया। माचू पिच्चू के अस्तित्व से जुड़ी कई दास्तानें आज भी मौजूद हैं लेकिन सच क्या है ये कोई नहीं जानता।