The dream of air taxis will soon become a reality as NASA has successfully tested the capabilities of autonomous flight through drones.
अमेरिका में स्थित वर्जीनिया के नासा लैंगली रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने सफलता से एयर टैक्सी की स्वतंत्र उड़ान क्षमताओं, यानी ऑटोनोमस फ्लाइट क्षमताओं, का परीक्षण किया है। ड्रोन ने विजुअल ऑब्जर्वर के बिना एयर टैक्सी के लिए उड़ान भरी है। आने वाले समय में फ्लाइंग टैक्सी का सपना हकीकत में बदलने का संकेत है।
ऐसे समय में जब दुनियाभर में यातायात समस्याएं बढ़ रही हैं, तो लोगों के लिए एयर टैक्सी की स्वायत्त उड़ान क्षमताओं की बहुत जरूरत हो रही है, और अब इस संबंध में अमेरिका से एक बड़ी खबर सामने आ रही है।
अमेरिका के वर्जीनिया राज्य में स्थित नासा के लैंगली रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने एयर टैक्सियों की स्वायत्त उड़ान क्षमताओं, यानी ऑटोनोमस फ्लाइट कैपेबिलिटीज, का सफल परीक्षण किया है। इस विशेष बात यह है कि ड्रोन को विजुअल लाइन से बाहर उड़ाया गया था और इस एयर टैक्सी के लिए कोई विजुअल ऑब्जर्वर नहीं था। ड्रोन ने उड़ान के दौरान प्लान्ड रूट पर और लैंडिंग के दौरान बाधाओं को सफलतापूर्वक पार किया, और इसमें उड़ान को नियंत्रित करने वाले पायलट का अभाव था। यह परीक्षण एयर टैक्सी के स्व-उड़ान क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नासा लैंगली के एयरोनॉटिक्स सिस्टम इंजीनियरिंग ब्रांच के शाखा प्रमुख, लू ग्लैब, ने बताया कि वाहनों को दृश्य रेखा से बाहर उड़ाना, जहां प्रत्यक्ष मानव अवलोकन का उपयोग नहीं होता, फिर भी फ्लाइट और एयर स्पेस की निगरानी को बनाए रखने में ऑटोमेशन और सुरक्षा सिस्टम के विकास को दर्शाता है। छोटे ड्रोन्स पर स्व-उड़ान तकनीक का परीक्षण करना, जो ज्यादा यात्री ले जाने वाली हवाई टैक्सियों के लिए सुरक्षित और लागत-प्रभावी हो सकता है, ताकि यह देखा जा सके कि वे एक दूसरे और आपसी रूप से कैसे इंटरएक्ट करते हैं और अन्य बाधाओं से कैसे बचते हैं।