चैत्र नवरात्रि 2024: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन इस विधि से करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा।

चैत्र नवरात्रि 2024: चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन इस विधि से करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा।

Chaitra Navratri 2024: Worship Goddess Brahmacharini with this method on the second day of Chaitra Navratri.

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन, माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की विधि होती है। माँ ब्रह्मचारिणी, माँ दुर्गा की दूसरी शक्ति हैं, जो तपस्विनी के रूप में प्रकट होती हैं। माँ ब्रह्मचारिणी को त्याग का प्रतीक माना जाता है।

  • Pooja Vidhi
  • 94
  • 09, Apr, 2024
Jyoti Ahlawat
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Chaitra Navratri 2024: Worship Goddess Brahmacharini with this method on the second day of Chaitra Navratri.

मां ब्रह्मचारिणी की कथा:

मां ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का दूसरा रूप हैं। इनका नाम 'ब्रह्मचारिणी' इसलिए रखा गया क्योंकि इन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान, तपस्या और विद्या की देवी हैं। इनकी पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और विद्या प्राप्त होती है।

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप:

मां ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप अत्यंत मनोहारी है। इनका रंग कमल के फूल जैसा गुलाबी है। इनके चार हाथ हैं। दाहिने ऊपरी हाथ में कमंडल और दाहिने निचले हाथ में अभय मुद्रा है। बाएं ऊपरी हाथ में माला और बाएं निचले हाथ में अक्षय पात्र है। मां ब्रह्मचारिणी कमल के आसन पर विराजमान हैं।

मां ब्रह्मचारिणी का महत्व:

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। इनकी पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि, विद्या, सौभाग्य, सुख, समृद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।

पूजा सामग्री:

  • कलश
  • मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र
  • चावल
  • फूल
  • दीपक
  • अगरबत्ती
  • फल
  • मिठाई
  • सुपारी
  • नारियल
  • पान
  • कपूर
  • दक्षिणा
  • चौकी
  • लाल वस्त्र

पूजा विधि:

  1. सुबह स्नान करें और पवित्र वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थान को साफ करें और चौकी स्थापित करें।
  3. चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  4. कलश स्थापित करें और उसमें जल, चावल, सुपारी, नारियल, पान, और कपूर डालें।
  5. दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
  6. मां ब्रह्मचारिणी को आह्वान करें।
  7. षोडशोपचार पूजा करें।
  8. मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें।
  9. प्रसाद चढ़ाएं।
  10. मां ब्रह्मचारिणी से आशीर्वाद लें।

मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र:

या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

मां ब्रह्मचारिणी की आरती

जय जय जय ब्रह्मचारिणी माँ, जय जय जय जग पालिनी माँ।

करुणा करो जग माता, सुख सम्पदा फल दे माता।।

कमंडलु धारे हाथ, जटा मुकुट धारिणी।

जग में ज्ञान की ज्योति, ज्योतिर्मय जयकारिणी।।

दुष्टों का नाश करो, भक्तों की रक्षा करो।

सुख-शांति समृद्धि दो, मां जग का पालन करो।।

विद्या बुद्धि की देवी, ज्ञान की ज्योति जलाओ।

माँ ब्रह्मचारिणी की, आरती हम गाओ।।

माँ तुम्हारी महिमा, जग में है अपरंपार।

हम सबको शरण दो, मां विनती है बारम्बार।।

आरती की ज्योति से, मां तुम्हारा गुण गाएँ।

माँ ब्रह्मचारिणी की, जय जय जयकार गाएँ।।

शक्ति का अवतार हो, मां दुर्गा का रूप।

माँ ब्रह्मचारिणी की, आरती है अनूप।।

जय जय जय ब्रह्मचारिणी माँ, जय जय जय जग पालिनी माँ।

करुणा करो जग माता, सुख सम्पदा फल दे माता।।

अगर आप ज्ञान, बुद्धि और विद्या प्राप्त करना चाहते हैं तो मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अवश्य करें।

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