पूजाघर में रखा है भगवान शिव का प्रिय वाद्य यंत्र डमरू? घर में रखना शुभ या अशुभ

पूजाघर में रखा है भगवान शिव का प्रिय वाद्य यंत्र डमरू? घर में रखना शुभ या अशुभ

Is Lord Shiva's favorite musical instrument Damru kept in the puja room? Is it auspicious or inauspicious to keep it at home

घर में पूजा के दौरान कई प्रकार के यंत्रों का उपयोग किया जाता है, जैसे ढोल, मंजीरे, घंटी, शंख आदि। लेकिन क्या आपके घर में डमरू है, और क्या इसे घर में रखना सही है?

  • Pooja Vidhi
  • 221
  • 02, Aug, 2024
Jyoti Ahlawat
Jyoti Ahlawat
  • @JyotiAhlawat

Is Lord Shiva's favorite musical instrument Damru kept in the puja room? Is it auspicious or inauspicious to keep it at home

जब हम देवों के देव महादेव की आराधना करते हैं और उन्हें स्मरण करते हैं, तो उनकी दिव्य छवि हमारे सामने उभरने लगती है। उनके स्वरूप में उनकी जटाओं में गंगा, मस्तक पर चंद्रमा, गले में सर्प, एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में डमरू दिखाई देते हैं। कहा जाता है कि डमरू भगवान शिव का प्रिय वाद्य यंत्र है और इसी के साथ वे प्रकट हुए थे। जब हम घरों में भोलेनाथ की पूजा करते हैं, तो वहां भी त्रिशूल और डमरू जैसी चीजें रखते हैं। लेकिन, क्या घर में इन चीजों को रखा जा सकता है? विशेष रूप से, यहां हम डमरू की बात कर रहे हैं क्योंकि इसे लेकर कई लोगों के मन में प्रश्न उठते हैं। आइए जानते हैं डमरू से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से।

यह कथा है प्रचलित

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की तो संसार बहुत ही शांत और वीरान था। माता सरस्वती के प्रकट होने के साथ ही सृष्टि में ध्वनि का संचार हुआ। हालांकि, देवी का जो वीणा था, वह संगीत रहित था। इसके बाद भगवान शिव ने नृत्य करते हुए 14 बार डमरू बजाया और नृत्य किया, जिससे संगीत की उत्पत्ति हुई।

डमरू, भगवान शिव का एक प्रतीकात्मक वाद्य यंत्र है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इसे घर में रखने के शुभ और अशुभ प्रभावों के बारे में अक्सर चर्चा होती रहती है।

डमरू का धार्मिक महत्व:

  • सृष्टि का प्रतीक: शास्त्रों के अनुसार, डमरू की ध्वनि से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई थी। यह सृष्टि, स्थिति और संहार के चक्र का प्रतीक है।
  • शक्ति का प्रतीक: डमरू की ध्वनि शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। यह भगवान शिव की ताकत और शक्ति को दर्शाता है।
  • तंत्र साधना: तंत्र साधना में डमरू का विशेष महत्व है। इसे मंत्र जाप और पूजा में उपयोग किया जाता है।

घर में डमरू रखने के लाभ:

  • धार्मिक दृष्टिकोण:
    • भगवान शिव की कृपा प्राप्ति: डमरू को घर में रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
    • नकारात्मक ऊर्जा का निवारण: यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने और सकारात्मक वातावरण बनाने में मदद करता है।
    • आध्यात्मिक विकास: डमरू की ध्वनि आध्यात्मिक विकास में सहायक होती है।
    • मन की शांति: यह मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करता है।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
    • ध्वनि चिकित्सा: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि डमरू की ध्वनि ध्वनि चिकित्सा में उपयोगी हो सकती है।
    • तनाव कम करना: यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है।
    • रचनात्मकता को बढ़ावा देना: यह रचनात्मकता को बढ़ावा दे सकता है।

घर में डमरू रखने के अशुभ प्रभाव:

  • अज्ञानता: यदि डमरू को सही तरीके से नहीं रखा जाता है या इसके महत्व को नहीं समझा जाता है, तो यह अशुभ प्रभाव डाल सकता है।
  • अनादर: डमरू को भगवान शिव का प्रतीक मानकर इसका सम्मान करना चाहिए। यदि इसका अपमान किया जाता है, तो यह नकारात्मक परिणाम दे सकता है।
  • अन्य धार्मिक मान्यताएं: कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर में कुछ विशेष वस्तुओं को रखना अशुभ माना जाता है।

घर में डमरू रखने के नियम:

  • शुद्ध स्थान: डमरू को हमेशा साफ-सुथरे और शुद्ध स्थान पर रखना चाहिए।
  • पूजा स्थल: इसे पूजा स्थल में ही रखना चाहिए।
  • सम्मान: डमरू को हमेशा सम्मान के साथ स्पर्श करना चाहिए।
  • विधि-विधान: डमरू की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए।
  • ज्योतिषीय परामर्श: यदि आपको कोई संशय है, तो किसी ज्योतिषी से परामर्श ले सकते हैं।

निष्कर्ष:

घर में डमरू रखना शुभ या अशुभ, यह पूरी तरह से व्यक्ति की धार्मिक मान्यताओं और उस व्यक्ति के द्वारा डमरू के प्रति रखे गए सम्मान पर निर्भर करता है। यदि आप डमरू को रखना चाहते हैं, तो आपको इसके महत्व को समझना चाहिए और इसे सही तरीके से रखना चाहिए।

Jyoti Ahlawat

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