Is Lord Shiva's favorite musical instrument Damru kept in the puja room? Is it auspicious or inauspicious to keep it at home
घर में पूजा के दौरान कई प्रकार के यंत्रों का उपयोग किया जाता है, जैसे ढोल, मंजीरे, घंटी, शंख आदि। लेकिन क्या आपके घर में डमरू है, और क्या इसे घर में रखना सही है?
जब हम देवों के देव महादेव की आराधना करते हैं और उन्हें स्मरण करते हैं, तो उनकी दिव्य छवि हमारे सामने उभरने लगती है। उनके स्वरूप में उनकी जटाओं में गंगा, मस्तक पर चंद्रमा, गले में सर्प, एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में डमरू दिखाई देते हैं। कहा जाता है कि डमरू भगवान शिव का प्रिय वाद्य यंत्र है और इसी के साथ वे प्रकट हुए थे। जब हम घरों में भोलेनाथ की पूजा करते हैं, तो वहां भी त्रिशूल और डमरू जैसी चीजें रखते हैं। लेकिन, क्या घर में इन चीजों को रखा जा सकता है? विशेष रूप से, यहां हम डमरू की बात कर रहे हैं क्योंकि इसे लेकर कई लोगों के मन में प्रश्न उठते हैं। आइए जानते हैं डमरू से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से।
पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की तो संसार बहुत ही शांत और वीरान था। माता सरस्वती के प्रकट होने के साथ ही सृष्टि में ध्वनि का संचार हुआ। हालांकि, देवी का जो वीणा था, वह संगीत रहित था। इसके बाद भगवान शिव ने नृत्य करते हुए 14 बार डमरू बजाया और नृत्य किया, जिससे संगीत की उत्पत्ति हुई।
डमरू, भगवान शिव का एक प्रतीकात्मक वाद्य यंत्र है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इसे घर में रखने के शुभ और अशुभ प्रभावों के बारे में अक्सर चर्चा होती रहती है।
डमरू का धार्मिक महत्व:
घर में डमरू रखने के लाभ:
घर में डमरू रखने के अशुभ प्रभाव:
घर में डमरू रखने के नियम:
निष्कर्ष:
घर में डमरू रखना शुभ या अशुभ, यह पूरी तरह से व्यक्ति की धार्मिक मान्यताओं और उस व्यक्ति के द्वारा डमरू के प्रति रखे गए सम्मान पर निर्भर करता है। यदि आप डमरू को रखना चाहते हैं, तो आपको इसके महत्व को समझना चाहिए और इसे सही तरीके से रखना चाहिए।