बायजू के प्रमोटर बायजू रविंद्रन ने एनसीएलएटी को बताया कि बीसीसीआई के बकाया भुगतान के लिए 159 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
नई दिल्ली: संकट में घिरी एडटेक कंपनी बायजू के प्रमोटर बायजू रविंद्रन ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) को बताया कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के बकाया भुगतान के लिए शेयर बिक्री के माध्यम से 159 करोड़ रुपये जुटाए हैं। अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने कहा कि वह बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई जारी रखेगा और थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) को दो अगस्त तक कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) का गठन नहीं करने का निर्देश दिया है।
एनसीएलएटी की चेन्नई बेंच ने बुधवार को कंपनी की अमेरिका आधारित कर्जदाता इकाई के बायजू के संस्थापक पर पैसे की हेराफेरी का आरोप लगाने के बाद, बायजू और बीसीसीआई के बीच समझौते पर अपना फैसला टाल दिया। इस बीच, रवींद्रन बायजू और कंपनी के अन्य निलंबित प्रवर्तकों की तरफ से पेश वकीलों ने बृहस्पतिवार को एनसीएलएटी को एक हलफनामा सौंपा। इसमें बीसीसीआई को भुगतान किए जाने वाले 158.9 करोड़ रुपये के स्रोत की जानकारी दी गई। प्रवर्तकों ने हेराफेरी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीसीसीआई को भुगतान की जाने वाली राशि इस साल की शुरुआत में थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों की बिक्री से जुटाई गई है और उस पर उचित कर भी अदा किया गया है। प्रवर्तकों के वकील ने अपीलीय न्यायाधिकरण से कहा कि अगर दिवाला प्रक्रिया शुरू की गई तो कंपनी बंद हो जाएगी।
एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने कहा, "दलीलें अभी भी जारी हैं लेकिन अदालत का समय खत्म हो गया है। मामले को कल (शुक्रवार) दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में फिर से सूचीबद्ध करें। कल तक कर्जदाताओं की समिति का गठन नहीं किया जाएगा।" अपीलीय न्यायाधिकरण ने प्रवर्तकों को कल तक अपनी दलीलें पूरी करने को भी कहा। इसके बाद वह अपना आदेश सुनाएगा।
कार्यवाही के दौरान बायजू के संस्थापक बायजू रविंद्रन के भाई और कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक, रिजू रविंद्रन की ओर से पेश हरि ने हलफनामा दायर किया। वकील ने कहा कि रिजू फिलहाल लंदन में हैं। हलफनामे में कहा गया है कि 30 जुलाई को बीसीसीआई के साथ 158 करोड़ रुपये के भुगतान पर समझौता हुआ है। इसमें से 50 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है और 25 करोड़ रुपये का भुगतान दो अगस्त को किया जाना है। शेष 83 करोड़ रुपये का भुगतान नौ अगस्त से पहले किया जाएगा। इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक का एक आगे की तिथि का चेक दिया जाएगा। कर्ज देने वाली अमेरिकी इकाई गैस ट्रस्ट एलएलसी ने आरोप लगाया कि यह पैसा हेराफेरी कर लाया गया है। अमेरिकी इकाई 8,000 करोड़ रुपये के कर्ज के चूक का दावा कर रही है।