Why did Kali Maa put her feet on Shiva?
यहाँ पढ़िये पौराणिक कथा कि काली मां ने क्यों रखा शिव जी के ऊपर पैर । Read here the legend that why did Kali Maa put her feet on Shiva.
प्राचीन काल में राक्षस अपनी तपस्या के बल पर ऐसी शक्तियां प्राप्त कर लेते थे, जिनके सामने टिकना देवताओं के लिए भी मुश्किल हो जाता था। राक्षस अपनी शक्तियों का प्रयोग करके आतंक और भय फैलाते थे। ऐसी ही एक घटना रक्तबीज नाम से राक्षस से जुड़ी है। रक्तबीज का अंत मां काली के हाथों हुआ, लेकिन इस दौरान गलती से मां काली का पांव भगवान शिव के ऊपर आ गया था।
एक बार रक्तबीज नाम के एक राक्षस ने भगवान शिव को प्रसन्न किया और उनसे एक वरदान हासिल कर लिया। रक्तबीज को यह वरदान मिला था कि उसका खून जहां भी गिरेगा, वहां से उसी के समान राक्षस पैदा हो जाएगा। रक्तबीज को अपने इस गुण पर बहुत अभिमान था, इसलिए उसने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। घमंड में चूर रक्तबीज ने देवताओं को युद्ध के लिए ललकारा। देवता रक्तबीज से लड़ने के लिए आ गए, लेकिन जहां भी रक्त बीज का रक्त गिरता, वहां से एक और रक्त बीज पैदा हो जाता। इसका परिणाम यह हुआ कि बहुत सारे रक्तबीज पैदा हो गए, जिन्हें हराने का कोई रास्ता देवताओं को दिखाई नहीं दे रहा था।
घबरा कर सभी देवता मां दुर्गा के पास पहुंचे और अपने प्राणों की भीख मांगने लगे। मां दुर्गा ने रक्तबीज के वध के लिए काली का रूप धारण कर लिया। रक्तबीज को देखकर मां काली क्रोध से भर उठीं और अपनी जीभ को इतना फैला लिया कि सारे रक्तबीज उसमें समा गए। अब जहां भी रक्तबीज का रक्त गिरता, मां काली उसे पी जाती। रक्तबीज को समाप्त करते हुए मां इतनी क्रोधित हो गईं कि उनको शांत करना मुश्किल हो गया। काली मां का यह रूप विनाशकारी हो सकता था, इसलिए सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे और बोले कि आप ही मां का क्रोध शांत कर सकते हैं।
मां काली के क्रोध को शांत करना भगवान शिव के लिए भी आसान नहीं था, इसलिए भगवान शिव काली मां के मार्ग में लेट गए। क्रोधित मां काली ने जैसे ही भगवान शिव के ऊपर पांव रखा वो झिझक कर ठहर गईं और उनका गुस्सा शांत हो गया। इस तरह भगवान शिव ने देवताओं की मदद की और मां काली के गुस्से को शांत किया, जो सृष्टि के लिए भयानक हो सकता था।
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