Yugalakishor ji ki aarti
यहां पढ़ें श्री युगलकिशोर जी की पूरी आरती हिंदी में | Read the full Aarti of Shri Yugalakishor Ji here in Hindi
आरती युगलकिशोर की कीजै |
तन मन धन न्योछावर कीजै || (x2)
गौरश्याम मुख निरखत रीजे |
प्रेम स्वरुप नयन भरि पीजै ||
रवि शशि कोटि बदन की शोभा |
ताहि निरखि मेरो मन लोभा ||
आरती युगलकिशोर की कीजै |
तन मन धन न्योछावर कीजै || (x2)
मोर मुकुट कर मुरली सोहे |
नटवर वेश निरख मन मोहे ||
ओढ़े पीत नील पट सारी |
कुंजन ललना लाल बिहारी ||
आरती युगलकिशोर की कीजै |
तन मन धन न्योछावर कीजै || (x2)
श्री पुरषोतम गिरिवरधारी |
आरती करें सकल ब्रज नारी ||
नंदनंदन ब्रजभान, किशोरी |
परमानंद स्वामी अविचल जोरी ||
आरती युगलकिशोर की कीजै |
तन मन धन न्योछावर कीजै || (x3)
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