Happy Lohri 2024
लोहड़ी का त्योहार हमें याद दिलाता है कि अंधकार के बाद हमेशा प्रकाश होता है। यह हमें अपने दिलों में आशा की अग्नि जलाए रखने और एक साथ मिलकर बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने का संदेश देता है। तो आइए इस लोहड़ी पर पुराने को जलाएं, नए का स्वागत करें और उम्मीदों के नृत्य में डूबकर एक खुशहाल साल का निर्माण करें!
हर साल जनवरी महीने में, लोहड़ी का उत्सव मनाया जाता है। यह पंजाबी और सिख समुदाय का प्रमुख त्योहार है। 2024 में, लोहड़ी 14 जनवरी को आयोजित की जाएगी। लोहड़ी मकर संक्रांति से पहले का त्योहार है। इस दिन किसानों के लिए विशेष महत्व होता है। लोग अपने खेतों की अच्छी फसल के लिए लोहड़ी की अग्नि में पॉपकॉर्न, मूंगफली, और रेवड़ियां डालकर सूर्य देव और अग्नि के प्रति अपना कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। लोग नृत्य-संगीत के साथ इस त्योहार का आनंद लेते हैं। इस खास मौके पर, कई लोग अपने प्रियजनों को विशेष संदेश, शुभकामनाएं, और उद्धारण भेजकर लोहड़ी को और भी यादगार बनाते हैं।
पंजाब की ठंडी हवाओं में एक अनोखी गर्मी का एहसास लाता है लोहड़ी का त्योहार। आग की लपटें न सिर्फ सर्दी को भगाती हैं, बल्कि दिलों में उम्मीदों के चिराग भी जलाती हैं। यह पर्व सिर्फ फसल कटाई का जश्न नहीं, बल्कि नए साल के आगमन का भी स्वागत गीत है।
पुराने का त्याग, नए का स्वागत:
लोहड़ी की आग में पुराने साल की विफलताओं, बुराइयों और नकारात्मकता को जला दिया जाता है। रेवड़ी, मूंगफली और गुड़ की मिठास के साथ नए साल की शुरुआत का स्वागत किया जाता है। यह मान्यता है कि आग बुरी शक्तियों को दूर करती है और सकारात्मकता का संचार करती है।
परिवार और समुदाय का संगम:
लोहड़ी का असली सार परिवार और समुदाय के एक साथ आने में है। ढोल की थाप पर नाचते-गाते लोग आपस के बंधनों को मजबूत करते हैं। बच्चे आग के चारों ओर मस्ती करते हैं, बूढ़े लोहड़ी के किस्से सुनाते हैं और युवा नए साल के सपने देखते हैं। यह खुशियों का मेला होता है, जहां हंसी-खेल और हर्षोल्लास का बोलबाला होता है।
परंपराओं का रंग:
लोहड़ी के उत्सव में परंपराओं का खास रंग देखने को मिलता है। ढोलक की ताल पर बिंदिया, सलवार-कमीज पहने महिलाएं 'धींगरा माही' गाती हैं। आग में गन्ने की डंडियां और गुड़ की पिंडियां भेंट की जाती हैं। लोग एक-दूसरे को गुड़ और मूंगफली खिलाकर मिठास बांटते हैं। इन रस्मों में पीढ़ियों से चली आ रही संस्कृति की झलक दिखती है।
उम्मीदों का नया साल:
लोहड़ी सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक शुभ शुरुआत का प्रतीक है। यह हमें अतीत को भुलाकर भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। आग की लपटों में हम अपने नए साल के संकल्प, सपने और आशाएं पिरोते हैं। यह विश्वास जगाता है कि आने वाला साल सुख, शांति और समृद्धि से भरा होगा।
लोहड़ी की लपटों में जले नकारात्मकता, खिले सकारात्मकता के फूल. हर आशा, हर धुन तपे इस आग में, नए साल को लाए खुशियों की फुलझड़ी.
ढोल की थाप पर थिरके कदम, गीतों की लहरों में बहें मन. आगरा की लोहड़ी, प्रेम और सद्भाव का संगम.
पुराना साल विदा करो, नए साल का स्वागत करो. लोहड़ी की आग में जलाओ ग़म, खुशियों का उजाला फैलाओ.
मीठी रेवड़ी, गुड़ की महक, लोहड़ी की रात जगमगाता आगरा नगर. हर चेहरे पर हंसी खिले, हर घर में खुशियां झिलमिलाएं.
लोहड़ी की आग से तपे हर बंधन, नए साल में खिले प्यार का वसंत.
आगरा से देश को प्यार का पैगाम, लोहड़ी का त्योहार मनाए हर धर्म, हर जाति एक साथ.
नफरत की राख जला लोहड़ी की आग में, भाईचारे का गीत गाओ प्यार के तराने.
लोहड़ी का त्योहार लाए उम्मीदों का नववर्ष, हर किसी के जीवन में खिले खुशियों का फूल.
गन्ने की लाठी, रेवड़ी का मीठा स्वाद, लोहड़ी की ख्वाहिशें करें दिल में याद.
आगरा के किलों में गूंजे लोहड़ी के नगीने, प्रेम और एकता का त्योहार मनाए सब मिलकर हर्ष मनाए.
लोहड़ी मुबारक, आगरा! लोहड़ी मुबारक, भारत!