SBI gives gift before Diwali, loan will be available at cheaper rate.
दिवाली से पहले, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बिना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों का इंतजार किए अपनी एमसीएलआर दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है।
हालांकि अक्टूबर की पॉलिसी मीटिंग में भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया, लेकिन उसने तटस्थ रुख अपनाया है, जो संकेत करता है कि आरबीआई किसी भी समय ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इसी बीच, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने आरबीआई का इंतजार किए बिना ही अपनी एमसीएलआर दरों में कमी कर दी है। इसका मतलब है कि SBI ने अपनी ब्याज दरें घटा दी हैं, जिसका प्रभाव होम लोन और अन्य रिटेल लोन पर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि SBI ने अपनी ब्याज दरों में कितनी कटौती की है।
एमसीएलआर दरों में बदलाव
SBI ने 15 अक्टूबर से 15 नवंबर 2024 तक एमसीएलआर में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया है। इस अवधि की ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई है, जबकि अन्य अवधि की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नया एमसीएलआर 15 अक्टूबर, 2024 से लागू हो गया है। एमसीएलआर-आधारित ब्याज दरें 8.20 प्रतिशत से 9.1 प्रतिशत के बीच हैं। ओवरनाइट एमसीएलआर 8.20% है, जबकि एक महीने की दर को 8.45 प्रतिशत से घटाकर 8.20 प्रतिशत किया गया है। छह महीने की एमसीएलआर 8.85 प्रतिशत और एक साल की एमसीएलआर को 8.95 प्रतिशत कर दिया गया है। दो साल की एमसीएलआर 9.05 प्रतिशत और तीन साल की एमसीएलआर 9.1 प्रतिशत है।
एमसीएलआर क्या है?
एमसीएलआर, जिसे मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट कहा जाता है, वह न्यूनतम ब्याज दर है जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को उधार दे सकते हैं। यह एक आंतरिक बेंचमार्क है जिसका उपयोग बैंक ऋण पर ब्याज दर तय करने के लिए करते हैं। वर्तमान में SBI की बेस रेट 10.40 प्रतिशत है, जो 15 सितंबर 2024 से लागू है। SBI का बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) 15.15 प्रतिशत सालाना है, जिसे आखिरी बार 15 सितंबर 2024 को संशोधित किया गया था।
क्या है रेपो रेट?
9 अक्टूबर को RBI ने अपनी पॉलिसी की घोषणा की थी। RBI ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन अपने तटस्थ रुख से संकेत दिया कि आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती संभव है। वर्तमान में रेपो रेट 6.50 प्रतिशत है। मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच RBI ने पॉलिसी रेट में 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद से ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।