Bihar: Case of negligence in Sadar Hospital of Muzaffarpur!
मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट पर डॉक्टर ने एक बच्ची के पेट का ऑपरेशन किया, जबकि उसमें कोई बीमारी नहीं थी।
मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर ने एक बच्ची के पेट का ऑपरेशन कर दिया, जबकि उसकी तबियत में कोई गड़बड़ी नहीं थी। ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने बच्ची के परिजनों से माफी मांगी। इसके बाद परिजनों ने मामले की शिकायत सिविल सर्जन से की। मामला बढ़ने पर जिले के डीएम और डीडीसी ने सदर अस्पताल जाकर पूरी जानकारी ली। रिपोर्ट में अपेंडिक्स होने का दावा था, लेकिन ऑपरेशन में कुछ भी नहीं मिला।
जानकारी के अनुसार, एक बच्ची पेट दर्द की शिकायत लेकर सदर अस्पताल पहुंची थी, जहां डॉक्टर ने उसे अपेंडिक्स होने का बताया और अल्ट्रासाउंड कराने का सुझाव दिया। जांच के बाद अपेंडिक्स होने की बात सामने आई, जिसके बाद ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद यह पता चला कि अपेंडिक्स था ही नहीं। जब परिजनों ने इस पर सवाल उठाया तो डॉक्टर ने बताया कि यह सब अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर किया गया था। ऑपरेशन के दौरान बच्ची करीब डेढ़ घंटे तक ऑपरेशन थिएटर में रही और छटपटाई। उसके बाद उसे सर्जरी वार्ड में भेज दिया गया। जब परिजनों ने डॉक्टर से पूछा कि अगर अपेंडिक्स था नहीं तो पेट क्यों चीर दिया, तो डॉक्टर ने रिपोर्ट का हवाला दिया।
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में अपेंडिक्स होने की बात कही गई थी। जानकारी के मुताबिक, कांटी मानपुरा की रहने वाली प्राची कुमारी को पेट में दर्द हुआ था, जिसके बाद उसके परिजन उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टर ने अपेंडिक्स की संभावना जताई और अल्ट्रासाउंड कराने का सुझाव दिया। मां सुमित्रा ने बताया कि वे पहली बार 28 अक्टूबर को बेटी को लेकर अस्पताल आए थे, जहां रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड हुआ। ऑपरेशन से पहले ब्लड और अन्य जांचें भी हुईं। इसके बाद मंगलवार को ऑपरेशन किया गया, लेकिन ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने कहा कि सॉरी, अपेंडिक्स नहीं मिला।
ऑपरेशन करने वाले सर्जन डॉ. अब्दुल कादिर ने कहा कि बच्ची पेट दर्द की शिकायत लेकर आई थी और अल्ट्रासाउंड में अपेंडिक्स की समस्या दिखी, जिसके आधार पर ऑपरेशन किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन में सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया। मामले के बढ़ने पर डीएम सुब्रत कुमार सेन और डीडीसी श्रेष्ठ अनुपम ने सदर अस्पताल का दौरा किया और बच्ची व उसके परिजनों से मुलाकात की। डीएम ने जांच के आदेश दिए।
डीएम सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि यह जानकारी मिली है कि अल्ट्रासाउंड में अपेंडिक्स का मामला सामने आया था, लेकिन सर्जरी में वह पाया नहीं गया। सिविल सर्जन को तीन डॉक्टरों की टीम बनाकर 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। सिविल सर्जन डॉक्टर अजय कुमार ने भी कहा कि अपेंडिक्स ऑपरेशन में गड़बड़ी की शिकायत आई है, और इसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।