295 CMOs of Delhi get promotions, LG resolves pending cases.
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सरकारी कर्मचारियों के हित में 295 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) की पदोन्नति को मंजूरी दी।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सरकारी कर्मचारियों के लाभ के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 295 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) की पदोन्नति को मंजूरी दी है। यह निर्णय लंबित मामलों के निपटारे के तहत लिया गया। इन अधिकारियों को पे-बैंड 4 के तहत ₹37,400-67,000/- (ग्रेड पे ₹8,700/-) के वेतनमान में पदोन्नति दी गई है। यह प्रक्रिया दिल्ली स्वास्थ्य सेवा (एलोपैथी) नियम-2009 के अनुसार पूरी की गई है।
सख्त निर्देशों के बाद सुधार की शुरुआत
उपराज्यपाल सक्सेना ने पदभार संभालते ही सभी विभागों को निर्देश दिए थे कि सरकारी कर्मचारियों से जुड़े सेवा और पदोन्नति मामलों का समाधान समयबद्ध तरीके से किया जाए। 302 सीएमओ के मामलों पर विचार किया गया, जिनमें से 295 अधिकारियों को पदोन्नति के योग्य पाया गया। हालांकि, 7 मामलों में प्रक्रिया अभी भी लंबित है। इनमें से एक मामला सतर्कता जांच रिपोर्ट से संबंधित है, जिसे सील बंद लिफाफे में रखा गया है, जबकि 6 अधिकारियों को अयोग्य पाया गया है।
यौन उत्पीड़न मामले पर सख्ती
महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, जिन पर एक महिला डॉक्टर ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, को इस पदोन्नति से बाहर रखा गया है। उपराज्यपाल ने यह स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में सख्ती बरती जाएगी।
सरकारी सेवा सुधार पर जोर
उपराज्यपाल ने कहा कि समय पर पदोन्नति और बेहतर सेवा शर्तें न केवल कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाती हैं, बल्कि कार्यक्षमता में भी सुधार करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय तक पदोन्नति में देरी से कर्मचारियों के करियर में जो थकान आती है, उसे दूर करना आवश्यक है। उनका यह कदम सरकारी सेवाओं में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।