Famous actress Celina Jaitley became emotional, expressed her pain by sharing a post on Instagram.
फेमस अभिनेत्री सेलिना जेटली ने 3 दिसंबर 1971 को हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के संदर्भ में अपने दिवंगत पिता कर्नल विक्रम कुमार जेटली की वीरता को याद किया।
3 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध को लेकर फिल्म इंडस्ट्री की एवरग्रीन अभिनेत्री सेलिना जेटली ने एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने दिवंगत कर्नल पिता की बहादुरी को याद किया। इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए सेलिना जेटली ने लिखा, "मैं कुमाऊं रेजिमेंट के युद्धघोष 'कालिका माता की जय' से शुरू करती हूं। आज ही के दिन (3 दिसंबर 1971) युद्ध शुरू हुआ था, उस समय मेरे पिता लेफ्टिनेंट विक्रम कुमार जेटली की उम्र 21 साल थी और उन्हें तैनाती के आदेश मिले थे। उन्हें और उनके 17 कुमाऊं के साथियों को शायद ही यह अंदाजा होगा कि उनकी बटालियन इतिहास में 'बैटल ऑनर' के साथ अपना नाम दर्ज कराएगी। हालांकि, उन्हें सबसे अधिक नुकसान भी सहना पड़ा।"
सेलिना ने आगे लिखा, "मैं अक्सर सोचती हूं कि उस समय मेरे पिता के दिमाग में क्या चल रहा होगा— एक युवा अधिकारी, जो सिर्फ 21 साल का था। वह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि वह गंभीर रूप से घायल हो जाएगा और अपनी बाकी की जिंदगी गोलियों और छर्रों के निशान ढोता रहेगा। अपनी वीरता के कारण उन्हें दो पदक और बाद में सेना पदक भी मिला। यह वे पदक हैं जो अकल्पनीय बलिदान को दर्शाते हैं।"
‘नो एंट्री’ फेम अभिनेत्री ने गर्व से कहा, "बचपन में, मैंने अपने पिता को इन पदकों से सजी वर्दी पहने देखा था। लेकिन अब बड़े होकर मुझे समझ में आता है कि उन पदकों के पीछे कितने बलिदान और वीरता छिपी हुई है।"
सेलिना ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "मेरे पिता अक्सर कहते थे कि कुमाऊंनी सैनिक होने के नाते आप आदमखोर से संबंधित होते हैं। बटालियन के आदर्श वाक्य 'पराक्रमो विजयते' (वीरता की जीत) और 'कालिका माता की जय' में उनका अटूट विश्वास था, जिसने उन्हें युद्ध और उसके बाद के जीवन की चुनौतियों से जूझने की ताकत दी। 1971 का युद्ध हमारे देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय था, जिसमें लगभग 3,000 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और करीब 12,000 घायल हुए। यह युद्ध हमारे वीरों ने अद्वितीय बहादुरी और बलिदान के साथ लड़ा और दुश्मनों को करारा सबक सिखाया।"
अंत में, सेलिना ने लिखा, "आज मैं अपने पिता कर्नल विक्रम कुमार जेटली (एसएम) और उनकी बटालियन, 17 कुमाऊं के सभी बहादुर जवानों, एनसीओ और अधिकारियों को सलाम करती हूं, जिन्होंने हमारे देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाई।"
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