The government has taken an important step on Zomato and has sent a notice of Rs 402 crore.
Zomato और Swiggy ने डिलीवरी फीस सम्बंधित GST टैक्स के मामले में सरकार को नोटिस भेजा है। इसके पश्चात, खुलासा हुआ है कि सरकार डिलीवरी पार्टनर्स से डिलीवरी फीस पर भी GST का आवश्यकता महसूस कर रही है। हालांकि, कंपनियों का दावा है कि वे डिलीवरी पार्टनर्स की ओर से सेवाएं प्रदान करती हैं, इसलिए उन्हें टैक्स नहीं देना चाहिए।
Zomato को Goods and Services Tax (GST) अधिकारी की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजा गया है, जिसमें ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग प्लेटफ़ॉर्म को डिलीवरी चार्ज पर टैक्स नहीं देने के संबंध में सवाल उठाया गया है। गुरुग्राम स्थित कंपनी ने यह दावा किया है कि वह इस टैक्स को नहीं दे सकती, क्योंकि यह डिलीवरी पार्टनर्स की ओर से जारी किया जाता है। Zomato ने इस नोटिस का उत्तर देने का ऐलान किया है।
यह टैक्स नोटिस 29 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच इकट्ठा किए गए टैक्स के संबंध में है। नवंबर में, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने Zomato को प्री-डिमांड नोटिस जारी किया था। Swiggy के साथ भी 750 करोड़ रुपए की मांग करते हुए एक और नोटिस जारी किया गया है। इससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स से डिलीवरी फीस पर भी GST की मांग कर रही है। हालांकि, फूड डिलीवरी कंपनियों ने कहा है कि यह डिलीवरी पार्टनर्स से मिलता है और इसलिए इस पर कोई टैक्स नहीं बनता है। वे और भी बताते हैं, "हमारी लीगल और टैक्स एडवाइजर ने भी यही सलाह दी है कि हमें इस पर टैक्स नहीं देना चाहिए।"
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