वक़्त - Poetry by Shonel Sharma

वक़्त - Poetry by Shonel Sharma

Waqt - By Shonel Sharma

Read here the brand new Poetry "वक़्त" by Poet Shonel Sharma

  • Poetry
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  • 07, Jan, 2022
Shonel Sharma
Shonel Sharma
  • @TheShonel

कवि शोनेल शर्मा की नई कविता

"वक़्त"

 

वक़्त ये गुजरता जा रहा,

मेरे हाथों से फिसलता जा रहा।

मैं थमी हूं अभी तक वहीं पर,

मगर ये मेरी उम्र लिए जा रहा।

वक़्त ये गुजरता जा रहा।। 

 

सिलसिला यूंही चलता जा रहा,

ये वक़्त रोके ना रोका जा रहा।

हर ढलती शाम के संग,

एक दिन और लिए जा रहा।

वक़्त ये गुजरता जा रहा।। 

 

हर पल सांसे कम किए जा रहा,

मांस ढांचे का सिकोड़ता जा रहा।

आंखों की रोशनी मद्धम हो रही,

अनंत अंधेर में लिए जा रहा।

वक़्त ये गुजरता जा रहा।। 

 

बस यादों की ढेर ये ज़िन्दगी,

वक़्त के आगे क्या है ज़िन्दगी।

जीवन रहस्य उलझाए जा रहा,

वक़्त ये गुजरता जा रहा।।

Shonel Sharma

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