Udaan - By Shonel Sharma
Read here the new Poetry "उड़ान" by Poet Shonel Sharma
बेजुबान पंछि को आज,
उड़ने दो आसमान में।
ना कैद कर जकड़ उन्हें,
नर्क सी सलाखों में।।
पंख तू आजाद कर,
हौसला दो ऊंची उड़ान को।
दे तोड़ सारे बन्धन,
उड़ अपने मकाम को।।
जगह है तेरा आसमा,
कोई जालिम सी कैद ना।
हर डर को दिल से दूर कर,
कभी नीचे ना देखना।।
है छूनी तुझे, हर भोर की,
वो स्वर्ण रश्मियां,
गानी तुझे फिर सांझ की,
मदमस्त किर्तिया।।
हो मगन तू मेघ को,
यूं चीरता सा चल।
बरसे अगर वो झूम के,
न मन को दे फिसल।।
पंख कर मजबूत तू,
उड़ान ऐसी भर,
हवा भी तेरे साथ है,
मिटा दे सब फिकर।।
अटल सा तेरा जोश जो,
रग रग में हो भरा,
देख फिर संसार भी
गाएगा राग तेरा।।
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