तुम मेरी हो - Poetry by Shonel Sharma

तुम मेरी हो - Poetry by Shonel Sharma

Tum Meri Ho - By Shonel Sharma

तुम्हें जीतना मुश्किल था, लेकिन कदम बढ़ते गए, इस विश्वास के साथ कि तुम मेरी हो, और तुम्हें जीत लिया। सफलता व अच्छी ज़िंदगी की ख्वाहिश के लिए - Read Here New Hindi Poetry "तुम मेरी हो" By Shonel Sharma.

  • Poetry
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  • 30, Mar, 2022
Shonel Sharma
Shonel Sharma
  • @TheShonel

शोनेल शर्मा की नई कविता

"तुम मेरी हो।"

 

तुम्हें जीतना मुश्किल था,

लेकिन कदम बढ़ते गए,

इस विश्वास के साथ

कि तुम मेरी हो,

और तुम्हें जीत लिया।

 

हार ना मानी कहीं,

चलती गई,

इस विश्वास के साथ

कि तुम सिर्फ मेरी हो,

और तुम्हें पा लिया।

 

हर तरफ अंधेर में भी तुम,

एक रोशनी सी बन,

मुझे अपनी ओर आकर्षित करती।

गिरती, संभलती, तुझे थामती,

इस विश्वास के साथ

कि तुम सिर्फ मेरी हो,

और रोशनी को तेरी छू लिया।

 

कितने तूफां आए रस्ते में,

मन को मजबूत कर,

पंख फैलाए उड़ती रही,

इस विश्वास के साथ,

कि तुम सिर्फ और सिर्फ मेरी हो,

और तुम्हें सीने से लगा लिया।

 

तुम कोरी कल्पना नहीं,

कोई सपना नहीं,

मेरे अंतर्मन की पुकार हो।

मेरी सफलता, मेरा वजूद हो।

तुम्हें विचार किया,

और तुम्हें हकीकत बना लिया।

मैंने तुम्हें अपना बना लिया।। 

 

©ShonelSharma✍️

Shonel Sharma

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