तारों के बीच एक भारतीय महिला का सफर: मंगल ग्रह पर रोवर चलाने वाली पहली भारतीय की कहानी।

तारों के बीच एक भारतीय महिला का सफर: मंगल ग्रह पर रोवर चलाने वाली पहली भारतीय की कहानी।

Stellar Achievement: Indian Woman Takes the Wheel of a Rover on Mars, Embodies a Story of Reaching for the Stars

Indian Woman Drives Rover on Mars: A Story of Reaching for the Stars.

  • Science and Technology
  • 294
  • 06, Dec, 2023
Jyoti Ahlawat
Jyoti Ahlawat
  • @JyotiAhlawat

Beyond Boundaries: Indian Woman Takes the Wheel of Rover on Mars - A Remarkable Story of Reaching for the Stars and Defying Limits!

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एक छोटी सी भारतीय लड़की आकाश की ओर टकटकी लगाकर सपने देखती थी। वह तारों तक पहुँचने की ख्वाहिश रखती थी, एक ऐसी दुनिया की खोज करने की इच्छा रखती थी जो हमारी अपनी से अलग थी। आज, उस लड़की का सपना हकीकत बन चुका है।

डॉ अक्षता कृष्णमूर्ति, वह नाम है जो अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। वह पहली भारतीय नागरिक हैं जिन्होंने मंगल ग्रह पर एक रोवर का संचालन किया है। नासा के लिए कार्यरत अक्षता वर्तमान में जेज़ेरो क्रेटर के आसपास पर्सिवरेंस रोवर को चला रही हैं।

अक्षता की यात्रा किसी सपने से कम नहीं है। छोटी उम्र से ही उन्हें विज्ञान और अंतरिक्ष में गहरी दिलचस्पी थी। वह सितारों के बारे में किताबें पढ़ती थीं, वृत्तचित्र देखती थीं और अपने भविष्य की कल्पना करती थीं।

अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए, अक्षता ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने का फैसला किया। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से अपनी स्नातक की डिग्री और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

एमआईटी में अध्ययन के दौरान अक्षता को नासा के साथ इंटर्नशिप करने का अवसर मिला। इस अनुभव ने उनके सपने को और भी मजबूत किया और उन्होंने अंतरिक्ष एजेंसी के लिए काम करने का लक्ष्य निर्धारित किया।

2019 में, अक्षता का सपना सच हुआ जब उन्हें नासा में एक रोबोटिक्स इंजीनियर के रूप में काम करने का मौका मिला। तब से, वह मिशन कंट्रोल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, पर्सिवरेंस रोवर के संचालन और मार्स के रहस्यों को उजागर करने के लिए काम कर रही हैं।

अक्षता की कहानी न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि सभी भारतीयों के लिए एक प्रेरणा है। उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और जुनून से कोई भी अपने सपनों को हासिल कर सकता है।

उनकी कहानी युवा लड़कियों और लड़कों को प्रेरित करती है कि वे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र में आगे बढ़ें और हमारे ग्रह के बारे में और अधिक जानने के लिए अंतरिक्ष की खोज में शामिल हों।

अक्षता की उपलब्धियों ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष यात्रा के मानचित्र पर मजबूती से स्थापित कर दिया है। वह भारत की युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श हैं और उन्होंने दिखाया है कि असंभव कुछ भी नहीं है।

आने वाले वर्षों में, जैसे-जैसे अक्षता मंगल ग्रह पर रोवर का संचालन करती रहेंगी, वह निस्संदेह और भी कई खोजें करेंगी और अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में अपनी जगह बनाएंगी।

तो, अगली बार जब आप आकाश की ओर देखें, तो याद रखें कि एक भारतीय महिला है जो तारों के बीच सफर कर रही है और हमारे लिए अनंत संभावनाओं का पता लगा रही है।

Jyoti Ahlawat

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