Must read this fasting story during worship on Sharad Purnima.
यह लेख शरद पूर्णिमा के महत्व, व्रत कथा और पूजा विधियों के बारे में है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का खास स्थान है, विशेषकर आश्विन माह की पूर्णिमा। इस दिन चंद्र देव और भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह हर महीने आती है, लेकिन आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा और उपासना का विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करने के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा करने का भी विधान है। कहा जाता है कि इस दिन सच्चे मन से चंद्र देव और श्री हरि की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है, और इस पुण्य के प्रभाव से जीवन में खुशियाँ आती हैं।
यदि आप भी इस दिन मनोकामनाएँ पूरी करना चाहते हैं, तो भगवान विष्णु की पूजा के समय व्रत कथा अवश्य पढ़ें।
धर्मग्रंथों के अनुसार, प्राचीन समय में एक व्यापारी की दो बेटियाँ थीं, जो धर्म को मानती थीं और धर्म-कर्म में रुचि रखती थीं। वे प्रतिदिन भगवान विष्णु की पूजा करती थीं और पूर्णिमा का व्रत रखती थीं। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से दोनों का विवाह अच्छे परिवारों में हुआ, लेकिन उन्होंने पूर्णिमा का व्रत रखना नहीं छोड़ा।
छोटी बेटी व्रत का पालन ठीक से नहीं कर पाती थी, क्योंकि वह संध्या के समय ही भोजन कर लेती थी, जिससे उसे व्रत का पूरा फल नहीं मिलता था। वहीं, बड़ी बेटी ने व्रत का अच्छे से पालन किया और उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। यह देखकर, छोटी बेटी भी व्रत रखने लगी, जिससे उसे भी संतान की प्राप्ति हुई, लेकिन उनके संतान की आयु कम होती थी।
एक बार जब छोटी बेटी अपने संतान के शोक में बैठी थी, तब उसकी बड़ी बहन आई। बड़ी बहन के वस्त्र छूने से छोटी बहन का पुत्र जीवित होकर उठ गया, जिसे देखकर वह बेहद प्रसन्न हुई। इसके बाद, बड़ी बहन ने उसे पूर्णिमा व्रत की महिमा बताई, और तब से छोटी बहन भी विधि अनुसार व्रत करने लगी। उसने अन्य लोगों को भी व्रत रखने की सलाह दी, और तभी से पूर्णिमा व्रत के महत्व के बारे में जानकारी मिली।
शरद पूर्णिमा एक पावन पर्व है। इस दिन व्रत रखने से कुंडली में चंद्र मजबूत होता है, जिससे जातक को हर कार्य में सफलता मिलती है और सभी मुरादें पूरी होती हैं। जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और व्रत के पुण्य प्रभाव से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा, व्यापार में वृद्धि होती है और रोग-दोषों से भी छुटकारा मिलता है।
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