Uttarakhand cabinet passes UCC bill.
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के प्रावधान से दशकों से चली आ रही कुरीतियाँ और कुप्रथाएँ समाप्त होंगी। सभी को एक समान अधिकार प्राप्त होगा। बेटा-बेटी और स्त्री-पुरुष के बीच का भेदभाव खत्म होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड कैबिनेट ने मुख्यमंत्री आवास पर हो रही कैबिनेट बैठक में यूसीसी रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। यूसीसी बिल को 6 फरवरी को असेंबली में पेश किए जाने की संभावना है। उत्तराखंड में कल से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार बजट के साथ-साथ यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट भी सदन के पटल पर रखा जाना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार की मंशा पहले ही साफ कर चुके हैं। इस बिल को राज्य सरकार के 5 सदस्यीय पैनल ने शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपा था, जिसके बाद सरकार की कानूनी टीम पैनल की सिफारिशों का अध्ययन कर रही थी। पहले भी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित सचिवालय में शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी। इसमें कुल 12 प्रस्तावों पर मुहर लगी थी।
मुख्यमंत्री धामी ने कैबिनेट बैठक के बाद यूसीसी पर कहा था कि राज्य सरकार ने जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाएगा। इससे पहले उत्तराखंड के लिए समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सिफारिशों में बहुविवाह और बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध, सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह योग्य समान आयु और तलाक के लिए समान आधार व प्रक्रियाएं शामिल होने की बात कही जा रही है। यूसीसी के संबंध में कानून पारित करने के लिए 5-8 फरवरी तक विधानसभा का चार-दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि लड़कों और लड़कियों को समान विरासत का अधिकार होगा। विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा और लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु बढ़ाई जाएगी।