Big news for telecom companies, auction date changed.
टेलीकम्युनिकेशन्स विभाग (DoT) ने स्पेक्ट्रम नीलामी को 19 दिन के लिए स्थगित कर 25 जून से शुरू करने की घोषणा की है। इस नीलामी में आठ स्पेक्ट्रम बैंड शामिल हैं, जिनका रिजर्व प्राइस 96,317 करोड़ रुपए है।
टेलीकम्युनिकेशन्स विभाग (DoT) ने मंगलवार को स्पेक्ट्रम नीलामी को 19 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है, जो अब 25 जून से शुरू होगी। इससे पहले यह नीलामी 6 जून से शुरू होनी थी। इस नीलामी में सरकार आठ स्पेक्ट्रम बैंड की नीलामी करने की योजना बना रही है। 8 फरवरी को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 96,317 करोड़ रुपए के रिजर्व प्राइस पर सभी बैंड्स में 10,523.15 मेगाहर्ट्ज (MHz) स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी थी। पिछली बिक्री से बचे हुए सभी स्पेक्ट्रम की फिर से बोली लगाई जाएगी। इस दौरान 800, 900, 1800, 2100, 2300, 2500, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में एयरवेव्स बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। ये वॉयस और डेटा स्पेक्ट्रम के बड़े हिस्से को कवर करते हैं।
रिलायंस जियो ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए 3,000 करोड़ रुपए की सबसे ज्यादा बयाना राशि (Earnest money) जमा की है। इसके अलावा, भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ रुपए और वोडाफोन आइडिया ने 300 करोड़ रुपए की बयाना राशि जमा की है।
2024 स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए टेलीकॉम कंपनियों की ओर से जमा की गई बयाना राशि पिछली नीलामी की तुलना में बहुत कम है, जो इस नीलामी में सीमित बोली लगाने का संकेत देती है। कंपनियों की तरफ से जमा की गई बयाना राशि 300-3000 करोड़ रुपए के बीच है, जो 2022 की पिछली नीलामी की तुलना में 79-86% कम है। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने उम्मीद जताई है कि कुल बोली राशि 2014 के बाद सबसे कम होगी।
5G से संबंधित स्पेक्ट्रम पिछली बार 2022 की नीलामी में खरीदा गया था। भारती और जियो टेलीकॉम कंपनियों को अपनी 5G जरूरतों को पूरा करने के लिए मौजूदा समय में ज्यादा एयरवेव की जरूरत पड़ने की संभावना कम है। इसका फोकस एक्सपायर हो रहे स्पेक्ट्रम के रिन्यूअल पर होगा।
जियो ने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में सबसे ज्यादा 3000 करोड़ रुपए की बयाना राशि जमा की है। कंपनी को अधिकतम 36 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाने की अनुमति दी गई है। कंपनी के पास कोई स्पेक्ट्रम रिन्यूअल के लिए नहीं है। पहले भी जियो ने सबसे ज्यादा ईएमडी जमा की है, लेकिन वह बड़े खर्च में तब्दील नहीं हुई है।
कंपनी के पास छह सर्किलों में 900 और 1800 बैंड में लगभग 42 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम है, जिसकी अवधि समाप्त हो रही है। अगर भारती अपने स्पेक्ट्रम को रिन्यू करना चाहती है, तो इसका खर्चा 3800 करोड़ रुपए होगा। कोटक भारती आगामी स्पेक्ट्रम के लिए लगभग 8800 करोड़ की बोली लगाएगी।
Vi से सीमित भागीदारी की उम्मीद है। कंपनी की तरफ से रिन्यूअल के लिए आने वाले 12 मेगाहर्ट्ज में से 3 मेगाहर्ट्ज को सरेंडर कर दिया गया है। एनालिस्ट्स को कंपनी से 1000-1200 करोड़ रुपए की बोली की उम्मीद है।