Girls wearing scarves were stopped from entering the school in Nellahudikeri in Kodagu district
कोर्ट का ओर्डर आने के बाद कोडागु जिले के नेल्याहुदिकेरी में स्थित एक स्कूल प्रशासन हुआ सख्त, छात्राओं को नहीं दी स्कार्फ पहनकर स्कूल में आने की अनुमति.
कोडागु जिले के नेल्याहुदिकेरी में सोमवार को स्कूल जाने की अनुमति नहीं मिलने के बाद सिर पर स्कार्फ पहने छात्राओं को स्कूल के बाहर से ही वापस लौटना पड़ा. कर्नाटक पब्लिक स्कूलों की कई छात्राएं हेडस्कार्फ़ पहनती हैं. हेडमास्टर अनिल कुमार के अनुसार, उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया एक अंतरिम निर्णय सभी शिक्षकों और छात्राओं को, चाहे वे किसी भी धर्म या पंथ के हों, कक्षा में धर्म से संबंधित स्टोल और स्कार्फ पहनने से रोकता है, इसी के चलते स्कूल प्रशासन ने यह फैसला लिया.
डीएआर ने स्थिति का जायजा लेने के लिए एक पुलिस की टुकड़ी भी स्कूल भेजी थी. इसके अलावा स्थिति का जायज़ा लेने के लिए तहसीलदार भी स्कूल पहुंचे थे. अंतरिम निर्णय से पहले स्कूल में इस तरह के कोई नियम नहीं थे. हालांकि, आदेश आने के बाद स्कूल प्रबंधन को नियमों का पालन करना पड़ा.
एक छोटे से शहर के एक प्री कॉलेज से शुरू हुआ बुैर्खे का यह मामला आज देश में काफी सुर्खियां बटोर रहा है. नतीजतन, कर्नाटका के कई शहरों में धरने दिये जा रहे हैं और सोशलमीडिया पर बुर्खा पहनने के समर्थन में कई ट्रेंड डाले गए. इसके अलावा हालही में स्कूल के प्रवेश द्वार के बाहर शिक्षकों और छात्रों को अपनी यूनिफॉर्म फेकते हुए वीडियो ने भी काफी ध्यान आकर्षित किया.
Image source: The Indian Express