Big demand of small businessmen- PLI scheme should be implemented in more sectors.
MSME सेक्टर में रोजगार बढ़ाने के लिए PLI स्कीम को लागू करने की मांग की गई है। MSME कंपनियों और संघों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर फर्नीचर, फुटवेयर, खिलौने, साइकिल और वस्त्र उद्योगों में PLI लाने और इंसेंटिव को तिमाही आधार पर जारी करने की मांग की।
MSME क्षेत्र में अधिक नौकरी सृजन के लिए PLI योजना को लागू करने की मांग की गई है। आपको बता दें कि MSME क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों और संघों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। उन्होंने फर्नीचर, फुटवेयर, खिलौने, साइकिल और वस्त्र उद्योगों में PLI लाने और PLI इंसेंटिव को तेजी से जारी करने की मांग की है।
इंसेंटिव को सालाना जारी करने की बजाय हर तिमाही जारी करने की भी मांग की गई है। साथ ही, अनुसंधान और विकास (R&D) में निवेश पर 200% की कर छूट बहाल करने की भी मांग की गई है।
PLI योजना- कारोबारी वर्ष 2020-21 और 2021-22 के बीच 13-14 क्षेत्रों के लिए PLI योजनाएं लाई गई थीं। इन क्षेत्रों में मोबाइल, ड्रोन, दूरसंचार, वस्त्र, वाहन, उपभोक्ता वस्तुएं, औषधियां आदि शामिल हैं।
हालांकि, इस योजना के तहत सभी क्षेत्रों में प्रगति एक जैसी नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए लाई गई योजना में मुख्य रूप से स्मार्टफोन पर ध्यान केंद्रित किया गया है और यह काफी सफल रही है।
इससे पिछले दो वर्षों में देश से स्मार्टफोन के निर्यात में भारी वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, सरकार ने पाया है कि औषधियां, दूरसंचार, खाद्य उत्पाद और ड्रोन क्षेत्र में प्रगति अपेक्षा के अनुसार है, लेकिन स्टील, वस्त्र, बैटरी और वाहन जैसे क्षेत्रों में प्रगति की गति धीमी है।
उदाहरण के लिए, निजी कंपनियों की ठंडी प्रतिक्रिया को देखते हुए वस्त्र मंत्रालय को PLI योजना को अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसमें और उत्पादों को शामिल कर लचीला बनाना पड़ा है। सरकार को उम्मीद है कि योजना में बदलाव के साथ और आवेदन और निवेश के प्रस्ताव आएंगे।
बल्क ड्रग PLI के मामले में योजना के दिशानिर्देशों में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं और योजना की अवधि 2027-28 से बढ़ाकर 2028-29 की जा सकती है।
अभी अधिकांश योजनाओं में रकम का भुगतान साल में एक बार किया जाता है। अन्य विभागों से कहा जा रहा है कि वे तीन-तीन महीने में भुगतान की व्यवस्था करें।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान PLI योजना के पात्र लाभार्थियों को 6,800 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन का आवंटन किया गया है, जबकि सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन का अनुमान लगाया था।