A blood donation camp was organised in Ambala in memory of the martyr, 65 people donated blood.
पाकिस्तान के आतंकवादी हमलों का मुकाबला करते हुए शहीद हुए मेजर अमित आहूजा की याद में अंबाला में डीएवी कॉलेज में पिछले 22 वर्षों से रक्तदान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
पाकिस्तान ने पिछले कई वर्षों से भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कई षड्यंत्र रचे, लेकिन भारत के वीर जवानों ने हमेशा इन प्रयासों का प्रभावी जवाब दिया और पाकिस्तान के इरादों को सफल नहीं होने दिया। पाकिस्तान अक्सर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए गोलाबारी करता है, जिसका हमारे देश के बहादुर जवान पूरी ताकत से सामना करते हैं। अंबाला के वीर शहीद मेजर अमित आहूजा उन जवानों में से एक थे, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बलि दी।
22 अगस्त 2001 को, पाकिस्तान ने श्रीनगर के गुरेज़ सेक्टर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए भारी गोलाबारी की। इस दौरान, अंबाला के वीर शहीद मेजर अमित आहूजा भी वहां तैनात थे। पाकिस्तान की इस गोलाबारी का जवाब देते हुए मेजर अमित आहूजा गंभीर रूप से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए। अंबाला में, पिछले 22 वर्षों से उनके परिवार द्वारा डीएवी कॉलेज में रक्तदान शिविर आयोजित किया जा रहा है, और इस बार यह आयोजन 23 अगस्त को हुआ। हर साल 60 से अधिक लोग रक्तदान करते हैं।
मेजर अमित आहूजा की स्मृति में अंबाला में एक पार्क, एक चौक, एक कंप्यूटर लैब और एक प्रवेश द्वार का निर्माण भी किया गया है। लोकल 18 से बातचीत के दौरान, मेजर अमित आहूजा के भाई अतुल आहूजा ने बताया कि इस बार 65 लोगों ने रक्तदान किया, जिससे लगभग 65 यूनिट ब्लड एकत्र हुआ। मेजर अमित आहूजा ने देश की रक्षा के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनके बलिदान की याद में पिछले 22 वर्षों से डीएवी कॉलेज में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। मेजर अमित आहूजा ने अपनी शिक्षा डीएवी कॉलेज से पूरी की थी और उनकी स्मृति में अंबाला में कई अन्य निर्माण भी किए गए हैं, जिनमें चौक और कंप्यूटर लैब शामिल हैं।