UP Teacher Recruitment: Big update in the 69000 teacher recruitment case.
शिक्षक भर्ती: उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में अनारक्षित वर्ग के दो चयनित अभ्यर्थियों और एक सेलेक्ट न होने वाले अभ्यर्थी की याचिका दायर की गई है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ पीठ में इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने आरक्षण नियमों का पालन न करने पर चयनित सूची को रद्द करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद, हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने पहले से कैविएट दाखिल कर रखा है।
हाईकोर्ट में क्या हुआ इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ पीठ में 69000 शिक्षक भर्तियों के चयन सूची में आरक्षण की अनदेखी को लेकर याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को चयन सूची निरस्त करने और तीन महीने में नई सूची जारी करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद, प्रदेश में आरक्षण को लेकर राजनीति शुरू हो गई और विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल खड़े किए। योगी सरकार ने आश्वासन दिया कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होगा।
दोनों वर्गों के अभ्यर्थी आमने-सामने यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आमने-सामने आ गए हैं। 22 अगस्त को बेसिक शिक्षा निदेशालय पर दोनों वर्गों के अभ्यर्थियों ने धरना दिया। पुलिस ने दोनों के बीच दीवार बनाकर स्थिति को संभाला। निदेशालय के अधिकारियों के आश्वासन के बाद अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने धरना समाप्त कर दिया, लेकिन आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अब भी धरना दे रहे हैं।