Pollution Challan News: दिल्ली में 10 हजार का ई-चालान, पेट्रोल पंप पर कैमरे से हो रही प्रदूषण जांच।

Pollution Challan News: दिल्ली में 10 हजार का ई-चालान, पेट्रोल पंप पर कैमरे से हो रही प्रदूषण जांच।

Pollution Challan News: E-challan of 10 thousand in Delhi, pollution being checked through camera at petrol pump.

दिल्ली में प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र (PUC) की वैधता समाप्त होने पर चालान की प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है। परिवहन विभाग ने 25 पेट्रोल पंपों पर एआई कैमरे लगाकर वाहनों की नंबर प्लेट से PUC की जांच की व्यवस्था की है। 22 हजार से अधिक चालान हो चुके हैं और दोबारा बिना वैध प्रमाण पत्र के पकड़े जाने पर सजा भी हो सकती है।

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  • 05, Sep, 2024
Jyoti Ahlawat
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Pollution Challan News: E-challan of 10 thousand in Delhi, pollution being checked through camera at petrol pump.

दिल्ली में प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र (PUC) की वैधता समाप्त होने पर चालान कटने की प्रक्रिया में तेजी आ गई है। परिवहन विभाग ने शहर के 25 पेट्रोल पंपों पर एआई तकनीक से सुसज्जित कैमरे लगाए हैं, जो वाहनों की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को पढ़कर उनके प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैधता की जांच करते हैं। अब तक 22 हजार से अधिक वाहनों का चालान हो चुका है। चालान की राशि 10 हजार रुपये तय की गई है, और अगर वाहन मालिक दोबारा बिना वैध प्रमाण पत्र के पकड़ा जाता है, तो उसे छह माह तक की जेल भी हो सकती है।

चालान कैसे होता है? पेट्रोल पंप पर आने वाले वाहनों की नंबर प्लेट कैमरे से जुड़े सॉफ्टवेयर के माध्यम से पढ़ी जाती है। यदि वाहन का प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र वैध नहीं होता, तो वाहन मालिक को पहले अलर्ट भेजा जाता है। इसके बाद तीन घंटे के भीतर प्रमाण पत्र की जांच कराने का समय दिया जाता है। यदि इस अवधि में जांच नहीं कराई जाती, तो ई-चालान जनरेट हो जाता है, जिसे परिवहन विभाग की वेबसाइट www.parivahan.gov.in पर देखा जा सकता है।

प्रदूषण नियंत्रण के सख्त प्रावधान दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। इसके अतिरिक्त, शहरभर में 30 मोबाइल टीमें भी पेट्रोल पंपों पर तैनात की गई हैं, जो वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैधता की जांच करती हैं।

दूसरी बार पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई पहली बार प्रदूषण प्रमाण पत्र न होने पर वाहन मालिक को 10 हजार रुपये का चालान भरना होता है, जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत छह महीने की सजा का भी प्रावधान है। दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम है, और वाहन मालिकों को समय पर अपने प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र को वैध बनाए रखना अनिवार्य है।

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