YES Bank Share: RBI does not agree on the deal to sell stake.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यस बैंक में मेजॉरिटी हिस्सेदारी की बिक्री पर अपनी असहमति जताई है, जिसके चलते एसबीआई और संभावित खरीदारों के बीच बातचीत में देरी हो सकती है।
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), के यस बैंक (Yes Bank) में हिस्सेदारी बिक्री के योजना में अब थोड़ी और देरी हो सकती है। असल में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) यस बैंक में मेजॉरिटी हिस्सेदारी के बिकने के पक्ष में नहीं है। हिस्सेदारी बिक्री पर रोक की खबर के बाद यस बैंक लिमिटेड के शेयरों में गिरावट आई, जबकि एसबीआई के शेयरों में तेजी देखने को मिली।
यह जानकारी रॉयटर्स की एक महीने पुरानी रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें बताया गया था कि जापानी लेंडर सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) और दुबई स्थित अमीरात एनबीडी यस बैंक में मेजॉरिटी स्टेक खरीदने के लिए बातचीत कर रहे हैं। सुमितोमो मित्सुई जापान के दूसरे सबसे बड़े बैंक, सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप की एक यूनिट है।
RBI ने विदेशी खरीदार को 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी नहीं दी है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग रेगुलेटर ने अभी तक ‘उपयुक्त और उचित’ मंजूरी नहीं दी है और वह यस बैंक में 51 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी खरीदने वाले विदेशी खरीदार के विचार का विरोध कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई के बोर्ड ने अभी तक यस बैंक में हिस्सेदारी बिक्री के प्रस्ताव को बोर्ड मीटिंग में नहीं उठाया है, क्योंकि बिक्री की टाइमलाइन पर कोई स्पष्टता नहीं है। यस बैंक और संभावित खरीदारों के बीच बातचीत रुकी हुई है।
गुरुवार को बीएसई पर यस बैंक के शेयर 1.67 फीसदी गिरकर 23.43 रुपये पर बंद हुए, जबकि एसबीआई के शेयर 2.57 फीसदी की बढ़त के साथ 788.05 रुपये पर बंद हुए। एसबीआई ने साल 2020 में यस बैंक को बचाने के लिए 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी और वर्तमान में एसबीआई की यस बैंक में 23.99 फीसदी हिस्सेदारी है।
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