कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर भारत के नये यात्रा नियम
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Coronavirus Omicron Variant) के खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, खासकर हाई रिस्क वाले देशों से भारत पहुंचने वाले यात्रियों के लिए संशोधित के नए दिशानिर्देश (India New Travel Rules) जारी किए हैं। आदेश है कि सभी संबंधित अधिकारी इन संशोधित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और क्षेत्र अधिकारियों को भी इन दिशा-निर्देशों के बारे में सूचित करें ताकि इनका सख्ती से पालन हो।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि केंद्र ने वैश्विक घटनाक्रमों को देखते हुए इस संबंध में परामर्श जारी किया है और हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग भी की जा रही है।
क्या हैं ये नियम-
- गाइडलाइन्स के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय पैसेंजर को सफर की शुरुआत से पहले अपनी ट्रैवल हिस्ट्री और निगेटिव RT-PCR जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार के एयर सुविधा पोर्टल पर डालनी होगी।
- किसी भी अंतरराष्ट्रीय देशों से भारत आने वाले यात्रियों से उनकी पिछले 14 दिन की ट्रैवल हिस्ट्री का रिकॉर्ड मांगा जाएगा। इसका मतलब ये हुआ कि यात्री ने इन 14 दिनों में किन-किन देशों की यात्रा की है। इस रिपोर्ट के जरिए सरकार यह देखेगी कि 'एट रिस्क' लिस्ट में शामिल देशों में तो नहीं गए।
- सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक 'कंट्री एट रिस्क' की सूचि से बाहर के देशों से आ रहे यात्रियों को भारत में उतरने के बाद एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत दी गई है। ऐसे पैसेंजर जो 'कंट्री एट रिस्क' के देशों की सूचि के अलावा किसी अन्य देश से आ रहे हैं तो वह 14 दिन तक अपनी हेल्थ को सेल्फ मॉनिटर करेंगे। विदेशों से आने वाले यात्रियों में से पैसेंजर का 5 प्रतिशत लोगों को एयरपोर्ट पर उतरने के बाद कोविड टेस्ट किया जाएगा। यह टेस्ट रेंडम तरीके से यात्रियों को चुनकर किया जाएगा।
- दिशा-निर्देश के मुताबिक 'एट रिस्क' लिस्ट वाले देशों से आने वाले यात्रियों का एयरपोर्ट पर उतरने के बाद कोरोना टेस्ट किया जाएगा। रिपोर्ट आने तक इन यात्रियों को एयरपोर्ट पर रुक कर इंतजार करना होगा। यदि टेस्ट का रिपोर्ट निगेटिव आता है तो उन्हें 7 दिन के होम क्वारंटाइन में रहने की इजाजत दी जाएगी। इसके बाद 8वें दिन फिर से टेस्ट करवाना होगा यदि वह रिपोर्ट भी निगेटिव आता है तो अगले 7 दिन उन्हें सेल्फ-मॉनिटरिंग में रहना होगा।
- ‘‘जोखिम वाले’’ देशों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को RT-PCR की जांच रिपोर्ट उपलब्ध होने तक हवाई अड्डों पर इंतजार करने की सलाह दी गई है। ऐसे देशों से आने वाले लोग अगर टेस्ट में नेगेटिव पाए जाते हैं तो भी उन्हें सात दिन के लिए होम क्वारंटीन रहना होगा जिसके बाद आठवें दिन उनके सैंपल की फिर से जांच की जाएगी। राज्य के अधिकारी ऐसे लोगों के घरों का दौरा करेंगे और उनके होम आइसोलेशन की दुरुस्त व्यवस्था का मुआयना करेंगे।
- संक्रमित पाए जाने पर राज्यों को सभी सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईएनएसएसीओजी (इंडियन सार्स-सीओवी-2 कंसोर्टियम ऑन जिनोमिक्स) प्रयोगशालाओं को तुरंत भेजने के लिए कहा गया है। साथ ही राज्यों को संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाने के और 14 दिन बाद इसका फॉलो अप लेने के निर्देश दिए गए हैं।
- फिलहाल केंद्र सरकार की सूचि में जो देश 'एट रिस्क' में शामिल हैं वह ब्रिटेन समेत सभी यूरोपीय देश, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरिशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़रायल को शामिल किया है।
- राज्यों को सलाह दी गई है कि वे अपने बचाव उपायों को कम न करें और विभिन्न हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमापार बिंदुओं से देश में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें।
- टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेट रणनीति पर फिर से जोर दिया जा रहा है। राज्यों को टेस्टिंग में तेजी लाने की भी सलाह दी गई है क्योंकि 'ओमिक्रॉन' वेरिएंट आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट से बच नहीं सकता है जिनका इस्तेमाल अब तक कोविड का पता लगाने के लिए किया गया है। परीक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, परीक्षण दिशानिर्देशों के सख्त कार्यान्वयन और आरटी-पीसीआर परीक्षणों के स्वस्थ अनुपात को बनाए रखने की सलाह दी गई है, जो पता लगाने में ज्यादा प्रभावी पाए गए हैं।
- राज्यों में और केंद्र शासित प्रदेशों को उन क्षेत्रों की निरंतर निगरानी करने की सलाह दी गई जहां हाल ही में संक्रमित मामले सामने आए हैं। उन्हें कहा गया है कि सभी पॉजिटिव मामलों के नमूनों को शीध्र जीनोम अनुक्रमण के लिए निर्दिष्ट आईएनएसएसीओजी लैब में भेजें। उन्हें 'जोखिम वाले' देशों के यात्रियों के घरों का भौतिक दौरा करके घर पर पृथकवास वाले मामलों की प्रभावी और नियमित निगरानी करने के लिए कहा गया है।