इसी जन्म में! - Poetry by Shonel Sharma

इसी जन्म में! - Poetry by Shonel Sharma

Isi Janm Mein - By Shonel Sharma

Read here the brand new Poetry "इसी जन्म में!" by poet Shonel Sharma

  • Poetry
  • 898
  • 07, Jan, 2022
Shonel Sharma
Shonel Sharma
  • @TheShonel

कवि शोनेल शर्मा की नई कविता

"इसी जन्म में!"

 

वक्त के आखिरी पड़ाव में,

पूछूंगी उस खुदा से,

क्या मेरे कर्मों का सारा फल दे चुका,

इस जन्म में।

या बचा कर रखा है दर्द बाकी,

मेरे अगले जन्म के लिए।

अगर बाकी हो कुछ बचा,

तो कर ले हिसाब पूरा, इसी जन्म में।

अब और जन्म ना चाहूं मैं,

असहनीय दर्द में।

पिछले कर्मों का हिसाब,

ना जोड़ा कर नए जन्म में।

तो कैसे वाकिफ होंगे मासूम,

अपने पिछले गुनाहों के फल से।

सबका भला सोचने वाले,

हमेशा यही सोचते रह जाते,

क्या हुई थी खता उनसे, इस जन्म में।

ऐसा असमंजस न पैदा कर ऐ खुदा,

अभी भी मेरा वक्त है बचा।

दे सितम मेरे बुरे कर्मों के, जितना भी चाहे तू,

पर अभी इसी वक्त, ना ही अगले जन्म में।

जितना भी बाकी हो हिसाब, कर ले तू पूरा आज।

जो कुछ भी हो बचा, तेरे जहन में।। 

Shonel Sharma

Shonel Sharma

  • @TheShonel