Drinks that help soothe stress and anxiety
यहाँ पढ़े कुछ ऐसी ड्रिंक्स के बारे में जो Depression, Anxiety और Stress को दूर करने में करे मदद
छोटी-छोटी चीजें भी लोगों को तनाव में डाल देती हैं। तनाव ना केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। तनाव किसी बाहरी कारण से नहीं बल्कि आपके ही कारण होता है। ऐसी कई चीजें हैं जो हम खुद करते हैं और ये चीजें तनाव पैदा कर सकती हैं। ऐसे में कुछ ड्रिंक्स होते हैं जिसको यदि आप अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो एंग्जाइटी और स्ट्रेस से तुरंत राहत मिलती है और आपका मूड भी बेहतर होता है। आइए उन ड्रिंक्स के बारे जानते हैं-
वेलेरियन रूट, भारत के हिमालय में पाई जाने वाली प्राचीन औषधि है। हिंदी में इसे तगर (Tagar) और सुगंधबाला (Sugandhbala) भी कहा जाता है। तगर का उपयोग हजारों सालों से आयुर्वेद में ऋषि मुनि दवाओं और हवन में सामग्री के तौर पर इस्तेमाल करते रहे हैं। इसकी जड़ों का काढ़ा या चाय बनाकर पीने से अनिद्रा की शिकायत दूर होती है। इसमें शानदार खुशबू होने के साथ ही एंग्जाइटी और स्ट्रेस को दूर करने के गुण होते हैं। इसीलिए इस चाय को सैकड़ों सालों से वैद्य इंसोम्निया और अनिद्रा की शिकायत होने पर पीने की सलाह देते रहे हैं।
साल 2008 में वेलेरियन रूट पर रिसर्च में पाया गया कि ये ब्रेन में जीएबीए (GABA) की मात्रा को सुधार सकती है। गामा अमीनो ब्यूट्रिक एसिड (Gamma Amino Butyric Acid (GABA)) कंपाउंड का काम एंग्जाइटी को शांत करना और नर्व्स सेल्स को नियमित बनाए रखना होता है। इसी लॉजिक को ध्यान में रखते हुए ही Xanax और Valium जैसी दवाओं को एंग्जाइटी की दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। वेलेरियन या तगर में वलेरेनॉल (Valerenol) और वलेरेनिक (Valerenic) जैसे एसिड पाए जाते हैं जो, दिमाग में जीएबीए केमिकल की मात्रा को बढ़ाते हैं। दवाओं के साथ अगर वेलेरियन रूट टी का सेवन करने पर ये एंग्जाइटी को बिना किसी साइड इफेक्ट के शांत कर सकती है।
अगर रात में सोने से पहले वेलेरियन रूट टी का सेवन किया जाए तो ये नींद की गुणवत्ता को सुधार सकती है। इस चाय का सेवन दिन में भी किया जा सकता है बशर्ते आपको ड्राइविंग आदि न करनी हो। क्योंकि, इसके सेवन के बाद आंखें बोझिल होने लगती हैं और झपकी भी आ सकती है। बेस्ट रिजल्ट के लिए, हर रात वेलेरियन रूट टी के एक कप का सेवन करें। ये अगले दिन रिलैक्स और शांत महसूस करने में मदद करेगी। जबकि रात में इसके सेवन के बाद बेहतर नींद का अनुभव मिलता है।
दिन की शुरुआत एंटी एंग्जाइटी स्मूदी से भी की जा सकती है। ये स्मूदी पोषक तत्वों से भरपूर होती है और दिमाग स्ट्रेस के असर को कम कर सकती है। इस स्मूदी को अवोकेडो, चिया के बीज, काकाओ (Cacao), बादाम बटर से मिलाकर बनाया जा सकता है।
अवोकेडो में काफी मात्रा में विटामिन बी पाया जाता है। विटामिन बी को स्ट्रेस का दुश्मन भी कहा जाता है। इसके अलावा इसका क्रीमी स्वाद दिमाग में स्वस्थ कोशिकाओं और नर्व्स को बढ़ाने में मदद करता है।
चिया के बीज में काफी मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। ये स्ट्रेस मैनेजमेंट और डिप्रेशन से निपटने में काफी मदद करते हैं। चिया सीड्स में काफी मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भी पाए जाते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो लोअर ब्रेन एंग्जाइटी और स्ट्रेस को दूर करने में मदद करते हैं।
बादाम बटर में काफी मात्रा में जिंक पाया जाता है जो एंग्जाइटी के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को बढ़ाने में मदद करता है।
काकाओ (Cacao) में सेरोटोनिन (Serotonin) का लेवल बढ़ाने के गुण पाए जाते हैं। सेरोटोनिन के बढ़ने से मूड अच्छा रहता है। काकाओ पॉलीफिनॉल्स स्ट्रेस हार्मोन की संख्या को कम करने में भी मदद करते हैं।
रोज सुबह एक गिलास इस स्मूदी का सेवन करने से स्ट्रेस को खुद से दूर रखने में मदद मिलेगी।
ग्रीन ओट्स, जिसे अंग्रेजी में एवेना सेटिवा (Avena Sativa) भी कहा जाता है। ये ओट स्ट्रॉ का मुख्य सोर्स है। मुख्य रूप से इसका उपाय दिमागी सेहत को बेहतर करने के लिए किया जाता है जो कि मध्यकाल से ही किया जा रहा है। डॉक्टर्स और रिसर्चर ओट स्ट्रॉ का सीधा संबंध एंग्जाइटी और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने वाली औषधि से जोड़ते हैं।
स्टडी के अनुसार, ओट स्ट्रॉ के सेवन से दिमाग में अल्फा-2 ब्रेन वेव्स की मात्रा बढ़ती है। इसका सीधा संबंध चेतन अवस्था में इंसान की अलर्टनेस बढ़ाने से है। इसका सीधा संबंध चेतन अवस्था में इंसान की अलर्टनेस बढ़ाने से है। ये सामग्री शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड (Nitric oxide) के स्तर को बढ़ाती है। ओट स्ट्रॉ दिल की धमनियों में जलन पैदा करने वाले साइटोकिन्स की बढ़त को कम करती है। ये दिमाग में रक्त संचार को बढ़ाती है। इससे शांति और अलर्टनेस बढ़ती है और एंग्जाइटी की वजह बनने वाले फंक्शन में क्रमश: कमी आती जाती है। यहां तक कि ओट स्ट्रॉ ड्रिंक को डिप्रेशन और थकान के इलाज में बहुत लोकप्रिय माना जाता है। इसका असर तभी समझ में आता है जब इसका सेवन लंबे समय तक किया जाए। विशेषज्ञ ये मानते हैं कि बेस्ट रिजल्ट के लिए इसका कम से कम 1 महीने तक सेवन किया जाना चाहिए।
ताजा जूस मिनरल्स और विटामिन्स भी भरपूर होता है जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
जब भोजन के जरिए से शरीर में पर्याप्त पोषक तत्व पहुंचते हैं तभी, स्ट्रेस और दबावों के प्रति शरीर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे पाता है। यही कारण है कि एंग्जाइटी की समस्या को दूर करने के लिए ताजे फलों और सब्जियों का जूस पीना बेहतरीन औषधि है। ताजा जूस मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर होता है।
रिसर्च के अनुसार, हर रोज 3000 MG विटामिन का सेवन करने से एंग्जाइटी के प्रति शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रिया घट जाती है। रिसर्च में पाया गया कि जो लोग हर रोज 1000 MG विटामिन का सेवन करते हैं, उनकी स्ट्रेस से लड़ने की क्षमता में काफी हद तक कमी दर्ज की गई। 3000 MG विटामिन का सेवन करने वालों का कार्टिसोल लेवल (Cortisol Levels) सुबह के वक्त काफी बढा हुआ पाया गया। विशेष रूप से, ऐसे फ्रेश जूस जिनमें विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है, वो ज्यादा फायदेमंद हैं। इन फलों में बेरी, तरबूज और आम स्ट्रेस कम करने में बहुत मददगार होते हैं। इस जूस में कुछ सब्जियां मिलाने से जूस से ड्रिंक में विटामिन बी की मात्रा काफी बढ़ जाती है। इससे स्ट्रेस को अच्छे ढंग से मैनेज करने में मदद मिलती है। याद रखें कि तनाव भरी स्थिति आने पर अगर शरीर में विटामिन की कमी होती है तो, स्ट्रेस ज्यादा होता है।
पानी के पर्याप्त सेवन से पूरे शरीर में एंड्रोफिन्स (Endorphins) रिलीज होते हैं। एंड्रोफिंस वो एसेंशियल केमिकल हैं, जिसकी पर्याप्त मात्रा मूड और सेंस को बेहतर बनाने व हमें एंग्जाइटी और स्ट्रेस से बचने में मदद करती है। हालांकि डिहाईड्रेशन की वजह से स्ट्रेस होने के मामले दुर्लभ ही देखने को मिलते हैं। लेकिन अगर रोज पानी की पर्याप्त मात्रा का सेवन न किया जाए तो स्ट्रेस के लक्षण ज्यादा खतरनाक ढंग से सामने आते हैं।
डिहाईड्रेशन का अर्थ है शरीर के कामकाज में कमी आ जाना। डिहाईड्रेशन के कारण शरीर में सही जगह पर हार्मोन पहुंच नहीं पाते हैं इससे रक्त संचार में भी कमी आ जाती है। दिमाग अपना फोकस खोने लगता है और मसल्स सख्त होने लगती हैं। डिहाईड्रेशन के कारण एंड्रोफिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है। जिससे स्वस्थ होने का सेंस और मूड को बेहतर बनाना कठिन हो जाता है।
रिसर्च के अनुसार, हल्का डिहाईड्रेशन मूड और विचारों की स्पष्टता को प्रभावित कर सकता है। हल्के डिहाईड्रेशन का अर्थ है शरीर में मौजूद पानी की कुल मात्रा में सिर्फ 1.5% की कमी आ जाना।
हालांकि ये ड्रिंक स्ट्रेस से तुरंत आराम नहीं दिलाती है, लेकिन चेरी का जूस हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। चेरी जूस के सेवन से जलन में कमी आती है जो आर्थराइटिस और दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण है। ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और नींद की क्वालिटी और अवधि को भी बढ़ाता है। ये आपको शांत रहने और स्ट्रेस लेवल को मैनेज करने में भी मदद करता है।
द जर्नल ऑफ मेडिसिनल फूड में प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि चेरी के जूस का सेवन करने से अनिद्रा की समस्याओं में राहत मिलती है। चेरी में मेलाटोनिन (Melatonin) का लेवल काफी हाई पाया जाता है जो, सोने और जागने के चक्र को बेहतर बनाने में मदद करता है।
ग्रीन टी को पूरी दुनिया में सेहत से जुड़े फायदों के लिए पहचाना जाता है।
आश्चर्यजनक रूप से ग्रीन टी में 700 से ज्यादा कंपाउंड पाए जाते हैं। हालांकि ग्रीन टी से मिलने वाले फायदों के पीछे भी सिर्फ दो ही बड़े कंपाउंड सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। ये दो कंपाउंड आमतौर पर हर ग्रीन टी में पाए जाते हैं। ये कंपाउंड हैं एल-थिएनाइन (L-theanine) और ईजीसीजी (EGCG)। एल-थिएनाइन, अमीनो एसिड कंपोनेंट है जो शरीर में रिलेक्सेशन को बढ़ाता है और ग्रीन टी को उसका विशिष्ट स्वाद देता है।
रिसर्च में पाया गया है कि, एल थिएनाइन में मन को शांत और रिलेक्स रखने के गुण पाए जाते हैं। ग्रीन टी शरीर में अल्फा ब्रेन वेव्स को बढ़ाती है ये रिलैक्सेशन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करती है। एल-थिएनाइन एकाग्रता और फोकस को तेज करता है। एल-थिएनाइन की कैफीन के स्टिम्युलेशन प्रभाव से प्रतिक्रिया को रोकने के लिए ऐसी ग्रीन टी का इस्तेमाल करें, जिसमें कैफीन न हो। रोज सुबह 1 गिलास ग्रीन टी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट उच्च मात्रा में मौजूद होता है जो तनाव को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ग्रीन-टी में विटामिन्स भी होता है जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है और मानसिक रूप से भी शांति प्रदान करता है।
बादाम में एंटीऑक्सीडेंट होता है जो मेमोरी को तेज करने में मदद करता है। इसके अलावा बादाम खाने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है और तनाव कम करने में सहायता करता है। इसके अलावा बादाम खाने में डिप्रेशन की समस्या होने का खतरा भी कम हो जाता है।
दही में मौजूद गट्स माइक्रोबैक्टीरिया आपकी चिंता और तनाव को दूर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यदि आप नियमित रूप से दही खाते हैं तो मन भी शांत रहता है और मेमोरी पावर भी बढ़ती है। इतना ही नहीं दही खाने से मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होता है।
दूध वाली चाय की जगह ब्लैक टी पीना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यदि आप नियमित रूप से ब्लैक टी पीते हैं तो यह आपको तनाव से दूर रखने में मदद करेगा। कम से कम दिन में दो बार इसे पिएं। तनाव के अलावा ब्लैक टी वजन कम करने में भी मदद करता है और मेमोरी को तेज करता है।
आम गर्मियों का मुख्य फल है। आम कच्चा हो या पका, दोनों के सेवन से हमें तमाम तरह के पोषक तत्व मिलते हैं। वहीं बात अगर इसके ड्रिंक की करें तो आप कच्चे आम को जीरा पाउडर और काला नमक के साथ खाएं जो न सिर्फ स्वाद से भरपूर है बल्कि एक इम्यूनिटी भी बूस्टर है।
इसके अतिरिक्त आम पन्ना डिप्रेशन को दूर करने में मदद कर सकता है, डिहाइड्रेशन और डायरिया से बचा सकता है। आम पन्ना शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता या जीवाणु प्रतिरोधक क्षमता (Bacterial resistance) को भी बढ़ा सकता है।
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