Khubsurat - By Shonel Sharma
Read here the new Poetry "खूबसूरत" by Poet Shonel Sharma
मैं खूबसूरत हूं,
चाहे आंखों में काजल नहीं,
होठों में लाली नहीं,
न जुल्फें घनी,
और रंगत भी गोरी नहीं
फिर भी मैं खूबसूरत हूं।
चाहे बदन लचीला नहीं,
बातों में आकर्षण नहीं,
चेहरा भी कोई खास नहीं,
अदाओं से कोसों दूर सही,
फिर भी मैं खूबसूरत हूं।
खूबसूरत हूं मैं दिल से,
जिसे तुम देख न सके।
खूबसूरत हूं नियत से,
जिसे तुम परख न सके।
कभी महसूस करते अगर,
खूबसूरत भावनाएं मेरी।
तू तुम भी बेशक मुझे,
खूबसूरत ही पाते।।