बालकनी पर झूला लगाते समय वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान।

बालकनी पर झूला लगाते समय वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान।

Keep these rules of Vastu in mind while installing swing in the balcony.

बहुत से लोग शाम को कुछ सुकून भरे पल बिताने के लिए अपनी बालकनी में झूला लगाना पसंद करते हैं। हालांकि, बालकनी में झूला लगाते समय कुछ वास्तु टिप्स का ख़ास ख्याल रखना चाहिए।

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  • 13, Mar, 2024
Jyoti Ahlawat
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  • @JyotiAhlawat

Keep these rules of Vastu in mind while installing swing in the balcony.

बालकनी में झूला लगाना एक आरामदायक और सुखद अनुभव हो सकता है। यह आपको खुली हवा में बैठने और प्रकृति का आनंद लेने का मौका देता है। यदि आप बालकनी में झूला लगाने की योजना बना रहे हैं, तो आपको वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बालकनी में झूला लगाने का सही तरीका आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा सकता है और आपको कई लाभ प्रदान कर सकता है।

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दिशा:

  • उत्तम: पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा
  • मध्यम: उत्तर या पूर्व दिशा
  • अशुभ: दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा

झूले का प्रकार:

  • लकड़ी: सबसे अच्छा विकल्प
  • धातु: कम शुभ
  • प्लास्टिक: अशुभ

झूले का रंग:

  • हल्के रंग: शुभ, जैसे कि सफेद, क्रीम, हल्का नीला
  • गहरे रंग: अशुभ, जैसे कि काला, भूरा, गहरा लाल

अन्य नियम:

  • झूला किसी भी दरवाजे या खिड़की के सामने नहीं होना चाहिए।
  • झूले के नीचे कोई खाली जगह नहीं होनी चाहिए।
  • झूले के चारों ओर पर्याप्त जगह होनी चाहिए ताकि लोग आराम से बैठ सकें।
  • झूले को नियमित रूप से साफ करना चाहिए।

वास्तु के अनुसार बालकनी में झूला लगाने के फायदे:

  • सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
  • घर में खुशी और समृद्धि आती है।
  • मानसिक तनाव कम होता है।
  • नींद अच्छी आती है।
  • एकाग्रता बढ़ती है।

विस्तृत विवरण:

दिशा:

  • पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा: ये दिशाएं सूर्य की रोशनी से भरपूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाती हैं।
  • उत्तर या पूर्व दिशा: ये दिशाएं भी शुभ मानी जाती हैं, लेकिन इनमें सूर्य की रोशनी कम होती है।
  • दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा: ये दिशाएं अशुभ मानी जाती हैं और इनमें झूला लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है।

झूले का प्रकार:

  • लकड़ी: लकड़ी एक प्राकृतिक सामग्री है जो सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाती है।
  • धातु: धातु एक नकारात्मक ऊर्जा का संवाहक है, इसलिए धातु का झूला कम शुभ माना जाता है।
  • प्लास्टिक: प्लास्टिक एक कृत्रिम सामग्री है जो नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा सकती है।

झूले का रंग:

  • हल्के रंग: हल्के रंग शांति और सकारात्मकता का प्रतीक हैं।
  • गहरे रंग: गहरे रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा सकते हैं।

अन्य नियम:

  • दरवाजे या खिड़की के सामने: झूला किसी भी दरवाजे या खिड़की के सामने नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे ऊर्जा का प्रवाह बाधित हो सकता है।
  • खाली जगह: झूले के नीचे कोई खाली जगह नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है।
  • पर्याप्त जगह: झूले के चारों ओर पर्याप्त जगह होनी चाहिए ताकि लोग आराम से बैठ सकें।
  • नियमित रूप से साफ करना: झूले को नियमित रूप से साफ करना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कम होता है।

वास्तु के अनुसार बालकनी में झूला लगाने के फायदे:

  • सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
  • घर में खुशी और समृद्धि आती है।
  • मानसिक तनाव कम होता है।
  • नींद अच्छी आती है।
  • एकाग्रता बढ़ती है।

नोट:

  • यदि आप वास्तु शास्त्र के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित होगा।
  • वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से आपको घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने में मदद मिलेगी।

यह भी ध्यान रखें:

  • बालकनी में झूला लगाते समय सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए।
  • झूला मजबूत और अच्छी स्थिति में होना चाहिए।
  • झूले पर बैठते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

अंत में, यदि आप बालकनी में झूला लगाना चाहते हैं, तो वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना उचित होगा।

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