भारत का सबसे बड़ा मंदिर : श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, तमिलनाडु

भारत का सबसे बड़ा मंदिर : श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, तमिलनाडु

Largest Temple of India : Sri Ranganathaswamy Temple, Tamil Nadu

यहाँ पढ़िये भारत के सबसे बड़े मंदिर, श्री रंगनाथस्वामी मंदिर के बारे में, जो कि श्रीरंगम, तिरूचिरापल्ली, तमिलनाडु में स्थित है। Read here about India's largest temple, Sri Ranganathaswamy Temple, located in Srirangam, Tiruchirapalli, Tamil Nadu.

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  • 20, Mar, 2022
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भारत का सबसे बड़ा मंदिर

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर

(श्रीरंगम, तिरूचिरापल्ली, तमिलनाडु) 

 

हमारा देश विशाल और भव्य मंदिरों के लिए काफी प्रसिद्ध है। हाल ही में उत्तरप्रदेश के अयोध्या नगर में कई सालों के इंतजार के बाद श्रीराम मंदिर के भव्य निर्माण का कार्य शुरू हुआ है। यह भारत का बहुत बड़ा मंदिर होगा। लेकिन भारत का वर्तमान का सबसे बड़ा मंदिर श्री रंगनाथस्वामी मंदिर है, जो दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के शहर तिरूचिरापल्ली के श्रीरंगम में कावेरी नदी के तट पर स्थित है। इसका वास्तविक तमिल नाम तिरुवरंगम है, जो कि तिरूचिरापल्ली शहर का एक द्वीप है। तिरूचिरापल्ली शहर को 'त्रिची या तिरुची' के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर संसार के पालनकर्ता भगवान विष्णु जी को समर्पित 108 मुख्य मंदिरों में भी शामिल है। मंदिर में पूजा करने की ठेंकलाई प्रथा का पालन किया जाता है। यह दक्षिण भारत का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर भगवान रंगनाथ को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। भगवान रंगनाथ को विष्णु का ही अवतार माना जाता है। यह मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में स्थित है इसलिए इसे श्रीरंगम मंदिर (Srirangam Temple) भी कहा जाता हैं।

भारत में अक्सर हर पावन स्थल किसी न किसी नदी के समीप ही निर्मित होता है इसी तरह श्रीरंगम भी तमिलनाडु में बहने वाली पावन नदी, कावेरी नदी से एक ओर से घिरा है और वहीं दूसरी तरफ से कोलिदम (कोलेरून) से घिरा हुआ है।

कावेरी के तट पर तीन पवित्र रंगनाथ मंदिर हैं:

आदि रंग : श्रीरंगपट्टण का रंगनाथस्वामी मंदिर

मध्य रंग : शिवनसमुद्रम का रंगनाथस्वामी मंदिर

अन्त्य रंग : श्रीरंगम का रंगनाथस्वामी मंदिर

इस मंदिर के परिसर में पूरा शहर बसा हुआ है। यह मंदिर 156 एकड़ यानी 6,31,000 वर्ग मीटर में फैला है। इसकी परिधि 4 किमी (10,710 फीट) है। श्रीरंगम मंदिर का परिसर 7 संकेंद्रित दीवारी अनुभागों और 21 गोपुरम से बना है। गोपुरम से मतलब मंदिर के द्वार से है। मंदिर के मुख्य दरवाजे को 'राजगोपुरम' कहा जाता है,जो 13 प्रतिशत के क्षेत्रफल में बना हुआ है और 239.501 फीट (72 मी) ऊँचा है, जो एशिया में सबसे ऊंचा है। इसके बारे में एक मिथक है कि गोपुरम के ऊपर से श्रीलंका के तट को देखा जा सकता है। मंदिर का गठन सात प्रकारों (उन्नत घेरों) से हुआ है जिसका गोपुरम अक्षीय पथ से जुड़ा हुआ है जो सबसे बाहरी प्रकार की तरफ सबसे ऊंचा और एकदम अन्दर की तरफ सबसे नीचा है।

माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 8वीं या 9वीं शताब्दी के दौरान हुआ था। श्री रंगनाथस्वामी जी के मंदिर की वास्तुकला अत्यंत प्रभावी और विशाल है। इस मंदिर की वास्तुकला तमिल शैली में देखने को मिलती है। दक्षिण भारत के ज्यादातर मंदिरों की वास्तुकला विशाल और द्रविड है। यह मंदिर द्रविड़ शैली से बनी हुई है। इस मंदिर में 1000 साल पुरानी एक ममी भी संरक्षित है। इस मंदिर की शोभा, 953 ग्रैनाइट स्तंभों का एक हॉल है जिस पर की घोड़े, बाघ आदि मूर्तियाँ बनाई गयी है। इस मंदिर का उल्लेख संगम युग यानी 100ई. से 250ई. के तमिल साहित्य और शिलप्पादिकारम में भी मिलता है। मंदिर परिसर में 2 बड़े पानी के टैंक हैं, जिनके नाम चंद्र पुष्करिणी और सूर्य पुष्करिणी हैं, जिनकी क्षमता करीब 20 लाख लीटर है।

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में श्री रंगनाथ स्वामी जी (श्री विष्णु) की पूजा की जाती है जहाँ की भगवान् श्री हरि विष्णु शेषनाग की शैय्या पर विराजे हुए है, यह मंदिर हिन्दुओं के भगवान् श्री हरि विष्णु का एक तीर्थयात्रा गंतव्य है। इस मंदिर के दर्शन करने विश्वभर से लोग आते हैं। इस मंदिर को देवी देवताओं का देवालय भी कहा जाता है। यह विशेष रूप से वैष्णवों का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। इसे भारत का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा क्रियाशील हिन्दू मंदिर माना जाता है, वैसे दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया में स्थित, भगवान विष्णु का मंदिर, 'अंग्कोर वाट' (Angkor Wat) है, लेकिन गैर-क्रियाशील है।

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, को सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने हेतु, 3 नवम्बर, 2017 को “यूनेस्को एशिया प्रशांत पुरस्कार मेरिट, 2017” प्रदान किया गया। इसी के साथ 'आनन्दम योजना' के अंतर्गत यहां प्रत्येक दिन 200 से अधिक भक्तों को मुफ्त भोजन कराया जाता है।

 

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर की पौराणिक कथा

 

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर का इतिहास

 

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर उत्सव

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