PCOD का कारण, लक्षण और उपचार l PCOD kya Hai

PCOD का कारण, लक्षण और उपचार l PCOD kya Hai

PCOD causes, symptoms and treatments | What is PCOD?

PCOD का पूरा नाम है पालिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Poly-cystic Ovary Syndrome)।यह एक बीमारी है जो आजकल सबसे ज्यादा महिलाओं में देखने को मिल रही है अभी तक 6-10 % महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आ चुकी है ।यह बीमारी किसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकती है फिर चाहे वह महिला हो या लड़की ।

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  • 12, Nov, 2021
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Hindeez Admin
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PCOD का पूरा नाम है पालिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Poly-cystic Ovary Syndrome)।यह एक बीमारी है जो आजकल सबसे ज्यादा महिलाओं में देखने को मिल रही है अभी तक 6-10 % महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आ चुकी है ।यह बीमारी किसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकती है फिर चाहे वह महिला हो या लड़की ।

हमारी फिल्म Industry में भी ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जौ इस समस्या का सामना कर रही है। इस समस्या के दौरान महिलाओं को अपने पूरे जीवन में कई तरह की शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि यह समस्या होती क्या है तथा इसके लक्षण और उपचार क्या है –

यहां हम नीचे दिए गए बिंदुओं के बारे में अधिक जानते हैं

  • PCOD का कारण, लक्षण और उपचार l
  • PCOD क्या है?
  • PCOD के लक्षण क्या हैं
  • PCOD से बचने के कुछ घरेलू उपाय
  • PCOD क्या है?

PCOD महिलाओ को होने वाली सबसे आम बीमरी है। PCOD की बीमारी के दौरान हार्मोन्स के असंतुलन होने के कारण Ovary  में छोटी छोटी गठानें बन जाती है जिसकी वजह से  Body में Hormones की मात्रा कम या अधिक होने लगती है, और इसकी वजह से चेहरे पर मुहांसे और चेहरे के बाल बढ़ने लगते हैं । इस बीमारी के कारण लड़कियों को पीरियड्स के दौरान भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है । इस बीमारी का सबसे पहला कारण है आजकल का व्यस्त जीवन, जिसकी वजह से खान पान ठीक तरीके से नही हो पाता और शरीर मे पोषक तत्वो कि कमी हो जाती है और यही शरीर मे कई तरह कि शारीरिक स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओ कि वजह बन जाती है ।

PCOD के लक्षण क्या हैं 

* अनियमित पीरियड्स का आना –

इस बीमारी का पहला लक्षण है अनियमित या लंबे समय तक दर्द होना होना और ज्यादा दिन तक पीरियड्स का होना या ना होना यह इस बीमारी का सबसे आम लक्षण है।

* अतिरिक्त एण्ड्रोजन –

महिलाओं मे कई बार ज्यादा हार्मोन्स की वजह से चेहरे और शरीर पर ज्यादा बाल और मुहांसे निकल आते हैं। और कभी कभी तो इस समस्या के कारण गंजेपन की समस्या भी देखी जाती है।

* पाॅलिटिक्स ओवरी –

इस समस्या के चलते ओवरी या अणडाशय बढ़ने लगता है जिसकी वजह से मोटापा जैसी समस्या हो जाती है।

* शरीर में इंसुलिन की कमी –

इंसुलिन शरीर में पाचन तंत्र के द्वारा खाने से शुगर बनाने का काम करता है और PCOD की वजह से इंसुलिन सही तरीके से नहीं बन पाता है जिसकी वजह से शरीर पर ज्यादा दबाव पड़ता है जिसकी वजह से ओवरी से पुरूषों वाले हार्मोन्स निकलने लगते हैं।

* अनुवांशिकता –

यदि परिवार में किसी को भी मोटापे या डायबिटीज जैसी समस्या है तो उस स्थिति में PCOD होने की संभावना ज्यादा रहती है इसके अलावा शरीर में सूजन आना भी इसी बीमारी का एक लक्षण है।

PCOD से बचने के कुछ घरेलू उपाय –

* सबसे पहला उपाय है कि सबसे पहले आपको अपनी जीवन शैली में कुछ परिवर्तन करने होंगे ।तभी इस समस्या का इलाज किया जा सकता है ।आप को अपने खाने पीने का ध्यान रखना होगा, Regular exercise करनी होगी, पूरी नींद लेनी होगी।

* अगर आपने रोजाना सूर्यनमस्कार करना शुरू कर दिया तो यह आपके स्वास्थयके लिये सबसे बेह्तर होगा । सूर्य नमस्कार के सभी आसन आपके शरीर के सभी हिस्सो के लिये फायदेमंद होते है

* PCOD इस बीमार के चलते वजन बहुत ही तेज़ी से बढ़ता है जिसको नियंत्रित रखना बहुत आवश्यक होता है। इसलिए वजन को ‌ नियंत्रित रखने के लिए आपको रोज मेथी का सेवन करना है क्योंकि मेथी में शरीर में ग्लूकोज की चयापचय को बढ़ाने का गुण होता है और जो इंसुलिन को भी नियंत्रित रखने में मदद करती है। आपको रोज मेथी के बीजों को रात भर एक कप पानी में भिगोकर रखना है और सुबह एक चम्मच भिगोया हुए मेथी दानों को खाली पेट शहद के साथ खाना है।

* अगर आयुर्वेदिक उपचार की बात करें तो इसके अनुसार अश्वगंधा का उपयोग इस बीमारी में किया जाता है। वैसे तो कई बीमारियों में अश्वगंधा का इस्तेमाल करते हैं। अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका उपयोग मधुमेह से लेकर अवसाद जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। अश्वगंधा में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो शरीर में हार्मोन्स को नियंत्रित करते हैं और PCOD को भी नियंत्रित रखते हैं।

* इस बीमारी में तेज गति से की जाने वाली Exercise बहुत अच्छी होती है जैसे Brisk walking, Jogging, या फिर योगासन। इन सबको करने से वजन को कम करने में भी मदद मिलती है।

* इस बीमारी के चलते आपको अपने खाने पर भी ध्यान देना होता है जैसे – तेज मिर्च मसाले वाला खाना, ज्यादा चिकनाई वाला खाना, तला हुआ खाना ये सब नहीं खाना से आपको इसकी जगह आप बादाम, हरी सब्जियां, नट्स, बीन्स, अखरोट, चोकर युक्त आटा ये सब खा सकते हैं। क्योंकि इनमें फाइबर ज्यादा मात्रा में होता है और यह खाना फायदेमंद भी होता है।

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