CBSE Board Exam Pattern: CBSE Board changed the exam pattern, will be implemented in 2025.
सीबीएसई ने 2025 के लिए प्रमुख परीक्षा पैटर्न में बदलाव किए हैं, जिसमें विषय के अंकों को 80% तक कम किया गया है और व्यावहारिक कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हुए योग्यता-आधारित प्रश्नों को 50% तक बढ़ाया गया है।
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में बड़ा बदलाव किया जा रहा है, जिसे साल 2025 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा से लागू किया जाएगा। यह बदलाव सवालों के फॉर्मेट से लेकर मूल्यांकन प्रक्रिया तक में किया गया है। अब सीबीएसई बोर्ड 11वीं और 12वीं के फाइनल रिजल्ट में हर विषय के कुल अंकों को 100 से कम कर 80 प्रतिशत कर दिया गया है। 20 प्रतिशत मार्क्स असेसमेंट, प्रैक्टिकल एग्जाम और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर दिए जाएंगे।
सीबीएसई बोर्ड के नए परीक्षा पैटर्न से स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिलेगा। हालांकि, इससे उन स्टूडेंट्स को थोड़ा नुकसान भी होगा जो परीक्षा से पहले रटने की आदत रखते हैं। कक्षा 11 और 12 के नए परीक्षा पैटर्न में कंपीटेंसी बेस्ड सवालों को बढ़ाया जाएगा, जिससे स्टूडेंट्स की रटने की प्रक्रिया पर रोक लगेगी और उनकी क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स बेहतर होंगी। इससे वे रियल लाइफ की चुनौतियों का सामना कर सकेंगे।
सीबीएसई कक्षा 11वीं और 12वीं में एमसीक्यू, केस-बेस्ड और सोर्स-बेस्ड सवालों को बढ़ाया जाएगा। कंपीटेंसी बेस्ड सवालों का प्रतिशत अब 40 से बढ़ाकर 50 तक कर दिया गया है, जबकि शॉर्ट और लॉन्ग आंसर वाले सवालों को 40 से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। जो स्टूडेंट्स पारंपरिक अंदाज में बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते हैं और रटने पर फोकस रखते हैं, उनके लिए यह फॉर्मेट काफी अलग हो सकता है और उन्हें इस हिसाब से तैयारी करने में ज्यादा मेहनत लग सकती है।
सीबीएसई परीक्षा पैटर्न में किए गए इन बदलावों से स्टूडेंट्स को अपनी रेगुलर एजुकेशन में प्रैक्टिकल स्किल्स का उपयोग करने में मदद मिलेगी। इससे सभी विषयों की उनकी समझ बेहतर होगी। नई मार्किंग स्कीम के लिए स्टूडेंट्स को अपनी मानसिकता और स्टडी पैटर्न को बदलना होगा, जिससे वे लास्ट मोमेंट पर पढ़ाई करने के बजाय पूरे साल पढ़ाई पर फोकस कर पाएंगे।