Anand Vihar Flyover News: आनंद विहार-अप्सरा बॉर्डर एलिवेटेड कॉरिडोर बनकर तैयार, कब होगी आवाजाही शुरू ?

Anand Vihar Flyover News: आनंद विहार-अप्सरा बॉर्डर एलिवेटेड कॉरिडोर बनकर तैयार, कब होगी आवाजाही शुरू ?

Anand Vihar Flyover News: Anand Vihar-Apsara Border Elevated Corridor is ready, when will the traffic start?

आनंद विहार-अप्सरा बॉर्डर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण लगभग पूरा हो गया है, लेकिन पेड़ काटने की अनुमति न मिलने के कारण इसे पूरी तरह से खोलने में एक महीने की देरी हो सकती है। फिलहाल, लोक निर्माण विभाग ने इस कॉरिडोर को व्यस्त समय में ट्रायल के रूप में खोल दिया है।

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  • 02, Sep, 2024
Jyoti Ahlawat
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Anand Vihar Flyover News: Anand Vihar-Apsara Border Elevated Corridor is ready, when will the traffic start?

आनंद विहार फ्लाईओवर: पूर्वी दिल्ली को गाजियाबाद और नोएडा से जोड़ने वाले आनंद विहार-अप्सरा बॉर्डर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन पेड़ काटने की अनुमति न मिलने के कारण इसे पूरी तरह से खोलने में एक महीने की देरी हो सकती है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस कॉरिडोर को सुबह और शाम के व्यस्त समय में ट्रायल के रूप में खोल दिया है, जिससे यात्रियों को कुछ राहत मिली है।

113 पेड़ बन रहे हैं बाधा कॉरिडोर के निर्माण के दौरान 113 पेड़ बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, जिनमें से पांच पेड़ सड़क के बीच में स्थित हैं। वन विभाग से इन पेड़ों को काटने की अनुमति अब तक नहीं मिली है, जिसके कारण अंतिम चरण के कार्य रुक गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि यदि पेड़ काटने की अनुमति मिल जाती है, तो कॉरिडोर पर यातायात चालू रहते हुए भी बाकी के कार्य पूरे किए जा सकते हैं।

इस महीने से शुरू होगी आवाजाही कॉरिडोर के पूरी तरह से खुलने के बाद यह रामप्रस्थ नगर, सूर्य नगर और श्रेष्ठ विहार की रेड लाइट्स को समाप्त कर देगा, जिससे आनंद विहार और सीमापुरी के बीच यात्रा सुगम हो जाएगी। यह कॉरिडोर दिलशाद गार्डन, शाहदरा, प्रीत विहार और लक्ष्मी नगर जैसे महत्वपूर्ण इलाकों को भी कवर करेगा। हालांकि, अक्टूबर 2024 तक इसे शुरू करने का आधिकारिक लक्ष्य रखा गया है, और पीडब्ल्यूडी ने इस पर ट्रायल शुरू कर दिया है।

1.48 लाख वाहनों को होगा लाभ सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस कॉरिडोर के खुलने से प्रतिदिन लगभग 1.48 लाख वाहनों को लाभ मिलेगा। इससे यात्रियों को प्रतिदिन 11 मिनट की बचत होगी, और हर साल 16.57 लाख लीटर ईंधन और 42,700 घंटे की श्रमशक्ति की भी बचत होगी। यदि ट्रायल सफल रहता है और पेड़ काटने की अनुमति मिल जाती है, तो अक्टूबर में कॉरिडोर को पूरी तरह से खोलने पर विचार किया जा सकता है।

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