In 'Bigg Boss 18', Kashish Kapoor exposed Sara Arfeen's arrogance and said- Be careful, I am not anybody's father's servant.
'बिग बॉस 18' में कशिश कपूर और सारा अरफीन खान के बीच तीखी बहस हुई। नॉमिनेशन टास्क और पेंटिंग टास्क के दौरान दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया।
'बिग बॉस 18' में इस समय शारीरिक झगड़े और तीखी बहसों का दौर चल रहा है। घर में हर तरफ कंट्रोवर्सी ही कंट्रोवर्सी देखने को मिल रही है, और सभी कंटेस्टेंट्स अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं। घर के लोग दो समूहों में विभाजित दिखाई दे रहे हैं, जिनमें से एक छोटा सा ग्रुप है, जिसमें सारा अरफीन खान, एडिन रोज़, यामिनी मल्होत्रा, कशिश कपूर और रजत दलाल शामिल हैं। हालांकि, ऐसा लगता है कि इस ग्रुप की शांति अब जल्द ही टूटने वाली है। शो का एक प्रोमो जारी किया गया है, जिसमें सारा और कशिश के बीच बहस होती नजर आ रही है। सारा इस समय काफी गुस्से में हैं। दरअसल, नॉमिनेशन टास्क के बाद उनका मूड और भी खराब हो गया था, और फिर पेंटिंग वाला टास्क आया, जिसमें टाइमगॉड बनने के लिए प्रतियोगिता थी। उसी झगड़े में चुम ने सारा के बाल खींच लिए थे, जिसके बाद से सारा काफी गुस्से में हैं। सारा कहती हैं- "अब मैं इन लोगों के साथ नहीं बैठूंगी।"
इस प्रोमो वीडियो में सारा चिल्लाती हुई दिखाई देती हैं। 'बिग बॉस 18' के इस प्रोमो में सारा, रजत और अन्य घरवालों को बताती हैं कि अब वह उनके साथ नहीं बैठने वाली हैं। इस पर रजत मजाक करते हुए कहते हैं- "हम तुम्हें फिर भी बैठा लेंगे।" वह सारा को हालिया पेंटिंग टास्क का हवाला देते हुए कहते हैं- "गलत हुआ था, चाहे तुम माने या न माने।" कशिश रजत से कहती हैं- "उसे सुधारने की कोशिश करो।"
इसके बाद, बिहार की मिस फैशन आइकॉन रह चुकीं कशिश सारा से कहती हैं- "उसे सुधारने की कोशिश करो।" इस पर रजत जवाब देते हैं- "सुधारने की जरूरत नहीं है, तो फिर क्यों करना?" कशिश कहती हैं- "ऐसे बयान मत दो, ये हो सकता है।" सारा चिल्लाते हुए कहती हैं- "मैं करूंगी।" कशिश उन पर चिल्लाते हुए कहती हैं- "चिल्लाओ मत मुझ पर, सारा।" सारा कहती हैं- "मैं हर किसी पर चिल्लाऊंगी।"
सारा कहती हैं- "मैं हर किसी पर चिल्लाऊंगी और मैं करूंगी ऐसा।" कशिश जवाब देती हैं- "मैं भी चीख सकती हूं।" सारा कहती हैं- "चिल्लाओ, मैं तुम्हारी तरह बेवकूफ नहीं हूं।" कशिश कहती हैं- "तुम बेवकूफ हो, मैं नहीं हूं, समझ आया?" इसके बाद कशिश कुछ और बोलने वाली होती हैं, लेकिन रजत उन्हें रोक देते हैं और शांत होने के लिए कहते हैं। कशिश फिर कहती हैं- "मैं किसी के बाप की नौकर नहीं हूं।"
कशिश कहती हैं- "मैं शांत बैठी हूं, इससे ज्यादा शांत क्या हो सकती हूं, मेरा आवाज़ नहीं उठ रहा।" सारा फिर कुछ कहती हैं, जिस पर कशिश कहती हैं, "संभाल लो, मैं किसी के बाप की नौकर नहीं हूं कि मैं ये सब टैंट्रम झेलूं। अगर तुम्हें अकेले खेलना है तो छोड़ दो, खेलो अकेले। बुरा लगे या सच लगे, तुम रजत के दम पर खेल रहे हो, लेकिन मैं ये सब नहीं झेलूंगी।" रजत कहते हैं- "मत बोलो, मुझे भी यह सब अखरता है।"
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