Farmers can once again get on the roads, Rakesh Tikait indicated
एक बार फिर हो सकता किसान आंदोलन का आगाज़, संयुक्त किसान मोर्चा करेगा 14 मार्च को बैठक.
एक बार फिर हो सकता है किसान आंदोलन, इस बात का खुलासा खुद टिकैत ने किया है. दरअसल, हालही में बीजेपी के चार प्रदेशों से आए बेहतरीन रुझानों से टिकैत और किसान आंदोलन के अन्य लीडर काफी दुखी हैं.
अपने आंदोलन के दौरान किसानों ने हरसंभव कोशिश की कि बीजेपी चुनाव ना जीत पाए, इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा संगठन ने बीजेपी शासित प्रदेशों और अन्य जगहों पर रैलियां भी की हालांकि, इतने जतन करने के बाद भी संगठन नाकमयाब रहा. इसके अलावा किसानों पर लागू कीए गए तीन कानून वापस लेने के बाद भी किसानों की कुछ मांगे अभी तक पूरी नहीं हो सकी हैं जिसके चलते किसान काफी दुखी हैं.
इसी बात को मद्देनजर रखते हुए किसान संयुक्त मोर्चा संगठन ने एक बार फिर 14 मार्च को बैठक रखने का निर्णय लिया है जिसमें संगठन के लीडर इस विषय पर विचार विमर्श करेंगे. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने यह साफ़ कर दिया कि उनको सत्ता में बैठी किसी भी पार्टी के प्रति बैर नहीं है हालांकि, उन्हें हमारी सभी मांगें पूरी करनी होंगी इसी के बाद आंदोलन खत्म किया जाएगा.
हालांकि, विश्लेषकों के अनुसार एसकेएम के लिए इस बार आंदोलन कर पाना आसान नहीं है. इस बार के किसान आंदोलन का मुद्दा किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लेना और उनकी आय की रक्षा के लिए प्रमुख कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम मूल्य की गारंटी देना होगा.